बिहार में कोरोना का संकट, मुख्यमंत्री आवास से जुडे़ 60 लोग पॉजिटिव, 13000 के पार, पटना बनता जा रहा है वुहान
By एस पी सिन्हा | Published: July 8, 2020 06:11 PM2020-07-08T18:11:15+5:302020-07-08T18:11:15+5:30
सबसे ज्यादा नए मामले बिहार की राजधानी पटना में सामने आए हैं. जहां एक साथ एक वक्त में 235 नए पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है. यहां बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भतीजी सबसे से पहले कोरोना पॉजिटिव निकली थी.
पटनाः बिहार में कोरोना का संकट गहराता जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास से जु्डे़ 60 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. इससे पहले उनकी भतीजी कोरोना पॉजिटिव निकली है.
जिनका इलाज एम्स में चल रहा है. मुख्यमंत्री आवास से जुडे़ 628 लोगों कोरोना सैंपल लिया गया था. जिसमें 60 कोरोना पॉजिटिव निकले हैं. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम संपर्क में आने वाले लोगों के बारे में पता लगा रही है. इसके साथ हीं बिहार में आज अब तक का सबसे बड़ा कोरोना विस्फोट हुआ है. एक साथ 749 संक्रमण के मामलों की पुष्टि हुई है.
इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 13000 के पार चली गई है. राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर के 13274 पहुंच गई है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी अपडेट के मुताबिक 1 दिन में यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. जिसमें 749 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है.
सबसे ज्यादा नए मामले बिहार की राजधानी पटना में सामने आए हैं
सबसे ज्यादा नए मामले बिहार की राजधानी पटना में सामने आए हैं. जहां एक साथ एक वक्त में 235 नए पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है. यहां बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भतीजी सबसे से पहले कोरोना पॉजिटिव निकली थी.
पिछले दिनों मुख्यमंत्री आवास में रह रहे सभी लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया था. मुख्यमंत्री की भतीजी के रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें तत्काल पटना एम्स में इलाज के लिए एडमिट भी कराया जा चुका है. मुख्यमंत्री के परिवार में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद हड़कंप मच गया है.
आनन-फानन में मुख्यमंत्री आवास को सैनिटाइज किया गया. इसके बाद मुख्यमंत्री आवास में अत्याधुनिक अस्पताल स्थापित किए जाने की खबर सामने आने के बाद हुई फजीहत को देखते हुए अब सरकार ने अपने फैसले से यू-टर्न लिया है.
मुख्यमंत्री आवास में अब अस्पताल नहीं बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री आवास में जिन डॉक्टरों और नर्सों की तैनाती का आदेश पीएमसीएच अधीक्षक ने दिया था, तत्काल प्रभाव से उस आदेश को रद्द कर दिया गया है. उधर, पटना के अस्पताल भी बुहान बनाने में जुटे हुए हैं. हजारों इस्तेमाल पीपीई किट को गंगा किनारे फेंक दिया है. जिसके संपर्क में लोग आ रहे हैं. जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है.
पटना के दीघा के पास हजारों पीपीई किट इस्तेमाल किया हुआ फेंका गया है
पटना के दीघा के पास हजारों पीपीई किट इस्तेमाल किया हुआ फेंका गया है. जिस जगह पर फेंका गया इस रास्ते से सैकड़ों लोग आते जाते हैं. इसके अलावे कबाड़ी और कचरा चुनने वाले बच्चे पीपीई किट को बोरा में रखकर ले जा रहे हैं. जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है.
बताया जा रहा है कि प्राइवेट अस्पताल के स्टाफ के पीपीई किट को जैसे तैसे फेंक रहे हैं. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पीपीई किट का कोरोना मरीज और इलाज करने वाले डॉक्टर इस्तेमाल कर रह रहे हैं. इसको सिर्फ एक बार इस्तेमाल किया जाता है.
ऐसे में पटना के सैकड़ों अस्पताल है, जिससे हजारों पीपीई किट रोज निकलता है. पीपीई किट को बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियमों के अनुसार ही नष्ट करना है. लेकिन अस्पताल वाले इस नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं. जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है.
कोरोना संकट का खतरा पटना समेत बिहार में बढ़ता जा रहा है
इस बीच, कोरोना संकट का खतरा पटना समेत बिहार में बढ़ता जा रहा है. जिसके कारण सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब सचिवालय के सभी कार्यालय में आम आदमी के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है. रोक लगाने से पहले क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुआ.
उसके बाद यह फैसला लिया गया है. इसको लेकर विभाग और सचिवालय के सुरक्षाकर्मियों को निर्देश जारी कर दिया गया है. आदेश में बताया गया है कि कोई भी बाहर से आने वाले गेस्ट को सचिवालय में आने से पहले विभाग के अधिकारी से कॉल कर आदेश लेना होगा.
अगर आदेश मिलता है तभी ही मुलाकात हो पाएगी. इसके बाद ही गेट पास जारी किया जाएगा. अगर कोई अधिकारी मिलने से इंकार करता है तो कोई भी आम आदमी मिल नहीं सकता है. यहां तक की उसका गेट पास भी नहीं बन पाएगा. अगर कोई भी शख्स नियम तोडता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.