कोरोना और ब्लैक फंगस के बाद अब चमकी बुखार, उत्तरी बिहार में अबतक 10 बच्चों की मौत, कई अस्पताल में भर्ती
By एस पी सिन्हा | Published: July 19, 2021 02:24 PM2021-07-19T14:24:51+5:302021-07-19T15:29:01+5:30
पीड़ित बच्चे मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले थे. इशिका को 14 जुलाई को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पटनाः कोरोना का खौफ अभी थमा ही है कि उत्तर बिहार के कई इलाकों में अब चमकी(एईएस) बुखार ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है.
मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) में अब तक 10 बच्चों की मौत हो गई है. एसकेएमसीएच में भर्ती तीन अन्य बच्चों में भी चमकी बुखार की पुष्टि की गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार की देर शाम सलोनी नाम की बच्ची की मौत चमकी बुखार से हो गई. वह महज पांच साल की थी.
मोतिहारी जिले में पकड़ीदयाल अनुमंडल के मझौलिया की रहने वाली सलोनी को एसकेएमसीएच में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बीएस झा ने बताया कि सलोनी को एईएस(चमकी बुखार) से पीड़ित होने का संदेह था. इससे पहले 15 जुलाई को सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी प्रखंड की इशिका कुमारी नाम की ढाई साल की बच्ची की चमकी बुखार से मौत हो गई थी.
इशिका को 14 जुलाई को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद उसकी जान नही बच नहीं सकी. उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद उसे एक निजी अस्पताल से एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया था. बताया जाता है कि इस साल जनवरी से अब तक एसकेएमसीएच में एईएस के 41 मामले सामने आए, जिसमें से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है.
पीड़ित बच्चे मुजफ्फरपुर, वैशाली, शिवहर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले थे. शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि वैशाली जिले के चैनपुर के अदरिजा चौहान (11 माह) और पुपरी की अर्तिका कुमारी (12 माह) में एइएस की पुष्टि हुई है. उधर, सकरा के सादिया खातून (छह महीने), मोतिहारी की प्रियंका कुमारी (4 साल) और मनियारी की अनुप्रिया की रिपोर्ट नहीं आई है. सभी का इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि सोनल कुमारी को जूरन छपरा के एक निजी अस्पताल से रेफर किया गया था.
वहीं, अस्पताल के अधीक्षक डॉ बीएस झा के अनुसार अस्पताल में एईएस के 5 पुष्ट और चार संदिग्ध मामले हैं. इनमें से तीन मरीजों को पीआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है. डॉक्टर झा के अनुसार बढे़ तापमान, आर्द्रता और कुपोषण के कारण क्षेत्र में चमकी बुखार के मामलों में अचानक बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि इधर हुई भारी बारिश के कारण हमें उम्मीद है कि मामलों में काफी कमी आने की संभावना है.