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आयुर्वेद और योगा से कोरोना पर वार: हल्दी दूध, काढ़ा, गिलोयवटी, अश्वगंधा, च्यवनप्राश पर दें ध्यान, मास्क पहनें

By एसके गुप्ता | Updated: October 6, 2020 20:50 IST

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने यह भी कहा है कि आयुर्वेद और योग प्रबंधन के दौरान लोग दो गज की दूरी और मास्क पहनने के नियमों का उतनी ही कड़ाई से पालन करें, जितना कोरोना से बचाव के लिए अभी कर रहे हैं।

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ठळक मुद्देकोरोना होने पर अगर सही प्रबंधन किया जाए तो रोगी ठीक होने के साथ अपनी इम्युनिटी को बेहतर कर सकता है। आयुर्वेद और योगा कोरोना से जंग में आपको मजबूत बना सकते हैं लेकिन जरा सी लापरवाही आपकी जान के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। कोविड-19 के प्रबंधन के लिए मंगलवार को आयुर्वेद और योग आधारित राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल जारी किया गया है।

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय ने जांची-परखी पद्धित के आधार पर यह घोषणा की है कि कोरोना से जंग में आयुर्वेद और योग काफी महत्व रखते हैं।

कोरोना होने पर अगर सही प्रबंधन किया जाए तो रोगी ठीक होने के साथ अपनी इम्युनिटी को बेहतर कर सकता है। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने यह भी कहा है कि आयुर्वेद और योग प्रबंधन के दौरान लोग दो गज की दूरी और मास्क पहनने के नियमों का उतनी ही कड़ाई से पालन करें, जितना कोरोना से बचाव के लिए अभी कर रहे हैं।

क्योंकि आयुर्वेद और योगा कोरोना से जंग में आपको मजबूत बना सकते हैं लेकिन जरा सी लापरवाही आपकी जान के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि कोरोना से बचाव और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन, आयुष राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक की वर्चुअल उपस्थिति में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए मंगलवार को आयुर्वेद और योग आधारित राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल जारी किया गया है।

 इस मौके पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार और नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वी.के. पॉल वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मौजूद थे। जारी प्रॉटोकॉल नीति आयोग की सिफारिशों पर विकसित किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री  डा. हर्ष वर्धन ने कोविड-19 के मामूली और लक्षणरहित मामलों के उपचार के लिए प्रॉटोकॉल में गुडुची, अश्वगंधा, आयुष-64 जैसी आसानी से उपलब्ध सामान्य आयुर्वेदिक दवाओं को शामिल करने पर संतोष व्यक्त किया।

आयुष मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर एक राष्ट्रीय कार्यबल गठित किया गया। इसके अंतर्गत ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद दिल्ली, इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद जामनगर, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद जयपुर, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेद, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड नेचुरोपेथी और अन्य राष्ट्रीय अनुसंधान संगठनों ने  कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आयुर्वेद और योग पर आधारित नेशनल क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल तैयार किया है।

कोरोना के मामूली और लक्षणरहित मामलों के लिए प्रॉटोकॉल (चिकित्सकीय परामर्श से)

-दिन में एक बार हल्दी का गर्म दूध पीएं।

-अश्वगंधा 500 एमजी गोली दिन में दो बार गर्म पानी से लें।

- गुडुची 500 एमजी गोली दिन में दो बार गर्म पानी से लें।

-कोरोना पॉजिटिव होने पर गिलोय और पिपली 375 एमजी दिन में दो बार गर्म पानी से लें।

-आयुष 64 500 एमजी दिन में दो बार गर्म पानी से लें।

योगा : सुबह उठकर अलोम-विलोम, कपाल भांति और ओम का जप करें। इससे सांस की तकलीफ और तनाव दूर होगा। 

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