कालीसूची में डालने के खिलाफ केंद्र से संपर्क करें: अदालत ने बांग्लादेशी नागरिकों से कहा

By भाषा | Updated: October 26, 2021 21:59 IST2021-10-26T21:59:15+5:302021-10-26T21:59:15+5:30

Contact Center against blacklisting: Court tells Bangladeshi citizens | कालीसूची में डालने के खिलाफ केंद्र से संपर्क करें: अदालत ने बांग्लादेशी नागरिकों से कहा

कालीसूची में डालने के खिलाफ केंद्र से संपर्क करें: अदालत ने बांग्लादेशी नागरिकों से कहा

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दो बांग्लादेशी नागरिकों की “कालीसूची” में डाले जाने के खिलाफ दी गई याचिका पर हस्तक्षेप से इनकार करते हुए उन्हें इस बारे में केंद्र के समक्ष प्रतिवेदन देने को कहा। दोनों बांग्लादेशी नागरिक अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिये भारत आना चाहते हैं।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने ‘कालीसूची परिपत्र’ से अपना नाम हटाने के लिये दो विदेशी नागरिकों द्वारा दायर याचिका को निस्तारित करते हुए केंद्र को निर्देश दिया कि वह छह हफ्ते में इनके प्रतिवेदन पर फैसला करे।

याचिकाकर्ताओं को 1999 में भारत से निर्वासित किया गया था। उन्होंने तर्क दिया कि उनकी मनमाने व अनुचित रूप से कालीसूची में डाला गया जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।

केंद्र सरकार के वकील अमित महाजन ने याचिकाकर्ताओं को किसी भी तरह की राहत देने का विरोध करते हुए कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां विदेशी उन्हें प्रवेश की अनुमति देने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटा रहे हैं।

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता विदेशी नागरिकों के बजाय यहां रहने वाले परिवार के सदस्य अदालत का रुख कर सकते थे।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 1998 में जारी ‘कालीसूची परिपत्र’ में कोई कारण नहीं बताया गया था, जिसमें “अंतिम तिथि” भी नहीं थी और इसे चुनौती देने की कोई प्रक्रिया नहीं थी।

अदालत को आगे बताया गया कि हाल के दिनों में भी, याचिकाकर्ताओं में से एक ने कोलकाता में अपनी बेटी से मिलने के लिए तीन मौकों पर भारतीय पर्यटक वीजा के लिए आवेदन किया था लेकिन बिना कोई कारण बताए बार-बार मना कर दिया गया था।

याचिकाकर्ताओं का दावा है कि उनकी जानकारी और रिकॉर्ड के अनुसार, उन्होंने ऐसा कोई कार्य नहीं किया है जिससे उन्हें ‘कालीसूची’ में डाला जा सके।

उन्होंने तर्क दिया कि अधिकारियों को “अपनी शक्तियों का मनमाने ढंग से प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है…।

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Web Title: Contact Center against blacklisting: Court tells Bangladeshi citizens

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