राम मंदिर के निर्माण में 3 साल का लगेगा वक्त, एक भी लोहे का नहीं होगा इस्तेमाल, CBRI और IIT कर रहे हैं सहयोग
By पल्लवी कुमारी | Published: August 20, 2020 02:59 PM2020-08-20T14:59:45+5:302020-08-20T14:59:45+5:30
अयोध्या: पीएम नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर निमार्ण के लिए भूमिपूजन किया था। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित 175 मेहमान शामिल थे।
नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में कम से कम तीन वर्ष का समय लगेगा और इस उद्देश्य के लिये निर्माण कंपनी लार्सन एंड टू्ब्रो, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर काम कर रही है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को यह जानकारी दी। चंपत राय ने संवाददाताओं ने कहा, ‘‘ मंदिर का निर्माण 1000 वर्ष का विचार करके किया जा रहा है और इसमें मिट्टी, पानी एवं अन्य प्रभावों का आकलन किया जा रहा है। ’’ उन्होंने कहा कि एल एंड टी ने इसके लिये योग्यतम लोगों को अपने साथ जोड़ा है। मिट्टी की ताकत को मापने के लिये आईआईटी मद्रास की सलाह ली गई है।
आज ये बात सामने आई कि 30 से 35 मीटर गहराई से नींव लानी पड़ेगी और 1 मीटर व्यास के गोल आकार में लानी पड़ेगी। तीन एकड़ में ऐसे कम से कम 1200 बिन्दू(खंभे) होंगे: चंपत राय, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव https://t.co/j8G6VK3ftN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 20, 2020
उन्होंने बताया कि दो स्थानों से 60 मीटर तथा पांच स्थानों से 40 मीटर की गहराई से मिट्टी के नमूने भेजे गए हैं । कुछ जगहों पर 20 मीटर की गहराई से मिट्टी के नमूने भेजे गए हैं । ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) तथा आईआईटी मद्रास के प्रोफेसरों ने मिलकर भूकंप संबंधी विषयों एवं प्रभावों को मापा है।
उन्होंने कहा कि मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं किया जायेगा । करीब 3 एकड़ जमीन पर मंदिर का निर्माण होगा और लगभग 1200 खम्भे होंगे। राय ने कहा, ‘‘ अब जितने काम हैं, वे सभी विशेषज्ञों से जुड़े हैं । इन कार्यो में जन्दबाजी नहीं हो सकती है। हम सोच विचार कर आगे बढ़ रहे हैं । ’’ यह पूछे जाने पर कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनने में कितना समय लगेगा,
चंपत राय ने कहा, ''इसमें कम से कम तीन वर्ष लगेंगे। तीन वर्ष 36 महीने से 40 महीने लग सकते हैं लेकिन इससे कम नहीं। इतना धैर्य रखना पड़ेगा।''
मंदिर निर्माण के लिये धन संग्रह के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से योगदान देने की व्यवस्था है, ऐसे में कोई भी योगदान कर सकता है । पैसे पर किसी धर्म का नाम नहीं लिखा होता है।