नयी दिल्ली, 17 नवंबर दिल्ली स्थित मुगलकालीन सब्ज़ बुर्ज का संरक्षण कार्य करीब चार साल की कड़ी मशक्कत के बाद पूरा कर लिया गया है। 16वीं सदी के इस स्मारक के पुनरुद्धार कार्य के लिए पारंपरिक कारीगरी और उच्च तकनीक की सहायता भी ली गई। इस दौरान इसकी छत पर एक दुर्लभ चित्रकारी भी सामने आई है।
दो गुंबदों वाला ये स्मारक हुमायूं का मकबरा परिसर के ठीक सामने स्थित है जोकि संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है।
अष्टकोणीय यह मकबरा 70 फुट ऊंचा है, जिसके ऊपरी हिस्से को नीले रंग की टाइल से सजाया गया है जिसका उपयोग 20वीं सदी में निजामुद्दीन इलाके के पुलिस थाने के रूप में किया जाता था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित इस स्मारक के संरक्षण प्रयासों का श्रेय 'आगा खान सांस्कृतिक ट्रस्ट' (एकेटीसी) और एएसआई को जाता है जिसके लिए एक कारपोरेट कंपनी ने वित्तीय सहायता प्रदान की।
एकेटीसी के सीईओ रतीश नंदा ने बुधवार को कहा, '' 19 नवंबर से शुरू होने वाले विश्व धरोहर सप्ताह से पहले संरक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है और मुगल कालीन इस स्मारक के पुनरुद्धार के वास्ते वित्तीय योगदान देने के लिए हमारे कॉरपोरेट भागीदार हैवेल्स का धन्यवाद जोकि इसे स्थल को रौशन भी करेगा।''
उन्होंने कहा कि आज इसे रौशन किया जाएगा और पूरी टीम इसे लेकर बेहद उत्साहित है। नंदा ने कहा कि रहीम के मकबरे की तरह अब इस स्मारक की भी खूबसूरती और बढ़ जाएगी।
स्मारक के संरक्षण परियोजना की शुरुआत जनवरी 2018 में की गई थी।
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