कांग्रेस सांसद राजीव सातव का कोरोना से उबरने के बाद निधन
By विनीत कुमार | Published: May 16, 2021 10:30 AM2021-05-16T10:30:50+5:302021-05-16T10:51:41+5:30
राजीव सातव (Rajeev Satav) को राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता रहा है। 2014 से 19 के बीच लोक सभा सांसद रहे राजीव सातव वर्तमान में राज्य सभा के सांसद थे।
कांग्रेस सांसद राजीव सातव का रविवार को पुणे के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 46 साल के थे। राज्य सभा सांसद राजीव सातव कुछ दिनों पहले ही वह कोविड-19 से उबरे थे। सातव (46) की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले सातव 22 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। सातव को बाद में एक नया वायरल संक्रमण हो गया था और उनकी हालत गंभीर थी।
राजीव सातव के निधन पर राहुल गांधी ने जताया दुख
राहुल गांधी ने राजीव सातव के निधन पर दुख जताते हुए लिखा, 'मैं अपने दोस्त राजीव सातव के निधन की खबर से बेहद दुखी हूं। वे कांग्रेस की विचारधार के साथ एक उच्च क्षमता वाले नेता थे। ये हमारे लिए बड़ा नुकसान है। मेरी संवेदनाएं और प्रेम उनके परिवार के साथ है।'
I’m very sad at the loss of my friend Rajeev Satav. He was a leader with huge potential who embodied the ideals of the Congress.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 16, 2021
It’s a big loss for us all. My condolences and love to his family. pic.twitter.com/mineA81UYJ
वहीं, कांग्रेस सांसद के निधन पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'निशब्द! आज एक ऐसा साथी खो दिया जिसने सार्वजनिक जीवन का पहला कदम युवा कांग्रेस में मेरे साथ रखा और आज तक साथ चले पर आज...राजीव सातव की सादगी, बेबाक़ मुस्कराहट, ज़मीनी जुड़ाव, नेत्रत्व और पार्टी से निष्ठा और दोस्ती सदा याद आयेंगी। अलविदा मेरे दोस्त! जहां रहो, चमकते रहो !!!'
इससे पहले शनिवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया था कि सातव की हालत नाजुक बनी हुई है और डॉक्टरों को पता चला है कि वह साइटोमेगालोवायरस से संक्रमित हो गए हैं।
राजीव सातव महाराष्ट्र से राज्य सभा के सदस्य थे। इससे पहले वो लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। साल 2014 के आम चुनावों में वे महाराष्ट्र के हिंगोली से निर्वाचित हुए थे। राजीव 2008 से 2010 तक महाराष्ट्र प्रदेश यूथ कांग्रेस से प्रेसिडेंट रहे। इसके बाद 2010 से 2014 तक वे इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे।