राफेल डील के खिलाफ महीनेभर आंदोलन चलाएगी कांग्रेस, बनाई ये योजना
By भाषा | Published: August 27, 2018 01:24 AM2018-08-27T01:24:43+5:302018-08-27T01:24:43+5:30
कांग्रेस दावा करती रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक उद्योगपति 'मित्र' को फायदा पहुंचाने और 'सांठगांठ वाले पूंजीवाद को बढ़ावा देने' के लिए राफेल लड़ाकू विमान के सौदे में बदलाव कर दिए गए।
नई दिल्ली, 27 अगस्त: अपने नेताओं को मिले कानूनी नोटिसों से बेपरवाह कांग्रेस ने राफेल सौदे के खिलाफ अभियान तेज करने का फैसला किया है।
कांग्रेस दावा करती रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक उद्योगपति 'मित्र' को फायदा पहुंचाने और 'सांठगांठ वाले पूंजीवाद को बढ़ावा देने' के लिए राफेल लड़ाकू विमान के सौदे में बदलाव कर दिए गए। पार्टी ने अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले मुद्दे को लोगों तक ले जाने के लिए सिलसिलेवार कार्यक्रमों की योजना बनाई है।
मुख्य विपक्षी दल मुद्दे को लेकर आंदोलन करेगा और जिला एवं राज्य स्तरों पर मार्च निकालेगा। जिला स्तरीय आंदोलन सात से 15 सितंबर तक होंगे, जबकि राज्य स्तरीय आंदोलन 16 से 30 सितंबर तक होंगे।
कांग्रेस ने जिला स्तरीय आंदोलनों पर नजर रखने के लिए पार्टी मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया है।
पार्टी महासचिव अशोक गहलोत ने पार्टी के प्रदेश प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा है, ‘‘कृपया राज्य स्तर पर विशाल आंदोलन और राज्यपालों को ज्ञापन देने के लिए राजभवनों तक मार्च सुनिश्चित कीजिए।’’
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार कांग्रेस राफेल मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाएगी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावे पर मोदी सरकार को निशाना बनाएगी।