मोदी सरकार के 20 हजार करोड़ पैकेज पर कांग्रेस का हमला, कहा-लोगों की जेब में पैसा दो
By शीलेष शर्मा | Published: May 13, 2020 08:10 PM2020-05-13T20:10:12+5:302020-05-13T20:10:33+5:30
चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं पर गहरी निराशा जताते हुये कहा कि अगर एमएसएमई क्षेत्र को जो मामूली राहत दी गयी है यदि उसे छोड़ दें तो वित्तमंत्री की पैकेज घोषणाओं का कोई अर्थ नहीं है।
नयी दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित 20 हज़ार करोड़ का आज जो ब्योरा पेश किया उस पर कांग्रेस ने पैने सवाल उठाते हुये पूछा कि 16. 4 लाख करोड़ के बारे में वित्तमंत्री खामोश क्यों हैं , क्या सरकार अपने डर और अपनी अज्ञानता का शिकार हो चुकी है। यह टिप्पड़ी कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने निर्मला सीतारमण की घोषणा के तत्काल बाद की।
उन्होंने कहा कि सरकार उन मज़दूरों को लेकर क्यों खामोश है जो भूख से मर रहे हैं ,नौकरिया जा चुकी हैं ,हज़ारों मील तपती सड़कों को नंगे पांव नाप कर अपने घर लौट रहे हैं। कांग्रेस मानती है कि सरकार को अधिक खर्च करने की ज़रूरत है लेकिन यह सरकार खर्च करना ही नहीं चाहती। सरकार को अधिक उधर लेना चाहिये ,लेकिन लगता है उसकी इच्छा ही नहीं है। सरकार को चाहिये था कि वह राज्यों को अधिक ऋण लेने की सुविधा देती जिससे वह अधिक खर्च कर पाते, परन्तु यह सरकार इसके प्रति न तो गंभीर है और न ही इच्छुक।
चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं पर गहरी निराशा जताते हुये कहा कि अगर एमएसएमई क्षेत्र को जो मामूली राहत दी गयी है यदि उसे छोड़ दें तो वित्तमंत्री की पैकेज घोषणाओं का कोई अर्थ नहीं है। 6. 3 करोड़ एमएसएमई इकाइयों को हवा में छोड़ दिया गया है। चिदंबरम ने 20 हज़ार करोड़ के अधीनस्थ कर्ज़ और दस हज़ार करोड़ के इक्वटी कॉर्पस की घोषणा का स्वागत किया लेकिन साफ़ किया कि हमें इसके विवरण की अभी प्रतीक्षा है।
कांग्रेस नेता ने इस बात पर घोर निराशा जताई कि ज़रूरत मंद लोगों के खातों में सीधे पैसे भेजने को लेकर यह सरकार पूरी तरह आज भी खामोश है यह जानते हुये कि 13 करोड़ गरीब परिवारों को आभाव में धकेल दिया गया है। उन्होंने प्रॉफेसर थॉमस पिक्केटी की याद दिलाई जिन्होंने कल ही इस बात पर ज़ोर दिया था कि देश की पहली ज़रुरत लोगों की जेब में नक़दी डालने की है।
कांग्रेस ने सरकार पर हमला करते हुये साफ़ किया कि लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय राजकोषीय प्रोत्साहन नहीं हो सकते ,केवल क़र्ज़ देने से खपत नहीं बड़ाई जा सकती है। कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया कि 7 करोड़ दुकानदारों के लिये क्या किया है ,मध्यम वर्ग की आखिर अनदेखी क्यों।