दिसंबर-जनवरी में मिल सकता है कांग्रेस को सोनिया गांधी की जगह पूर्णकालिक अध्यक्ष
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 20, 2019 08:19 AM2019-10-20T08:19:41+5:302019-10-20T08:19:41+5:30
कांग्रेस के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं होना मुश्किल का सबब बन सकता है.
वेंकटेश केसरी।
कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष को लेकर रहस्य पर से दिसंबर या जनवरी में संभावित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की बैठक में पर्दा उठ सकता है. यह बैठक कांग्रेसशासित प्रदेशों राजस्थान या मध्यप्रदेश में से हो सकती है. इस वक्त सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान थाम रखी है. अगले साल दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और उसके बाद उत्तरप्रदेश में.
पार्टी के अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक ऐसे में पार्टी के लिए पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं होना मुश्किल का सबब बन सकता है. अप्रैल-मई में लोकसभा चुनावों में पार्टी की करारी शिकस्त की नैतिक जिम्मेदारी लेकर अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले राहुल गांधी की दोबारा अध्यक्ष बनने में कोई रुचि नहीं दिखती.
पार्टी के प्रबंधकों के नजदीकी समझे जाने वाले एक पूर्व सांसद के मुताबिक, ''वैसे पार्टी में सोनिया गांधी द्वारा की गई तमाम नियुक्तियों में उनकी छाप है.'' इस पूर्व सांसद की राय में सपा, बसपा और राजद के पतन के बाद उत्तरप्रदेश और बिहार में पार्टी के पास अच्छा मौका है. गुजरात में भी पार्टी दूसरे नंबर पर है. कुछ नये चेहरों को, उनकी काबिलियत का जायजा लिए बगैर, थोप देना पार्टी की मजबूती को प्रभावित कर सकता है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी प्रदेश कांग्रेस प्रमुख की नियुक्ति में परेशानी महसूस कर रही है. संजय निरुपम, राधाकृष्ण विखे पाटिल, अशोक तंवर, राज बब्बर, अजोय कुमार जैसे नेताओं को भी काफी पहले पद से हटाया जाना चाहिए था. पूर्व सांसद की राय में एआईसीसी की बैठक पार्टी को नया जीवन दे सकती है. सीडब्ल्यूसी सदस्यों के चुनावों के साथ मनोनयन की परंपरा को खत्म किया जाता है तो पार्टी दोबारा उठ खड़ी होगी.