वसूली तो होकर रहेगीः सीएम योगी का प्रदर्शनकारियों को सख्त संदेश, बुलंदशहर के लोगों ने डीएम को स्वतः सौंपे 6 लाख रुपये
By आदित्य द्विवेदी | Published: December 28, 2019 11:15 AM2019-12-28T11:15:36+5:302019-12-28T11:15:36+5:30
योगी आदित्यनाथ के ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर पर लिखा गया, 'हर दंगाई हतप्रभ है। हर उपद्रवी हैरान है। देख कर योगी सरकार की सख्ती मंसूबे सभी के शांत हैं।'
नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में कई जगह हिंसा हुई। इसमें 19 लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों समेत सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए। करोड़ों रुपये की सार्वजनिक और निजी संपत्ति का भी नुकसान हुआ। इस बीच बुलंदशहर के लोगों की एक कवायद सूबे के लिए मिसाल बन गई है।
बुलंदशहर के बाशिंदों ने अपनी तरफ से डीएम को 6.27 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट सौंपा है। शासन के अधिकारी इसे 'पश्चाताप का स्वैच्छिक कदम' बता रहे हैं। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा, 'यह एक सकारात्मक कदम है। इसने हमें दंगाइयों को नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस भेजने की लंबी प्रक्रिया से बचा लिया है।'
गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदर्शनकारियों को उपद्रव ना करने की सख्त चेतावनी दी थी। उन्होंने हर्जाने की वसूली की पुलिस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि हर दंगाई हतप्रभ है। वसूली होकर रहेगी।
योगी आदित्यनाथ के ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर पर लिखा, 'हर दंगाई हतप्रभ है। हर उपद्रवी हैरान है। देख कर योगी सरकार की सख्ती मंसूबे सभी के शांत हैं। कुछ भी कर लो अब, क्षतिपूर्ति तो क्षति करने वाले से ही होगी, ये योगी जी का ऐलान है। हर हिंसक गतिविधि अब रोयेगी क्योंकि यूपी में योगी सरकार है।'
नागरिकता (संशोधन) कानून 2019 को लेकर हिंसा पर उतारू दिग्भ्रमित लोगों से अब वसूली की कार्रवाई हो रही है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) December 27, 2019
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी का यह निर्णय अनुकरणीय है और उपद्रवियों पर यह कार्रवाई देश में अप्रतिम मिसाल बनेगी।
वसूली तो होकर रहेगी।
#TheGreat_CMYogi
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संशोधित नागरिकता कानून को लेकर फैलाये जा रहे बहकावे में नहीं आने की अपील करते हुए कहा कि उपद्रव और हिंसा की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। योगी ने दोहराया कि जहां भी सार्वजनिक संपत्ति को उपद्रवियों ने क्षति पहुंचायी है, उस संपत्ति की भरपाई, वीडियो फुटेज तथा अन्य पुष्ट प्रमाणों के आधार पर चिह्नित किए जा रहे उपद्रवियों की संपत्तियों को जब्त करके की जाए।