राहुल गांधी के द्वारा आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर भड़के चिराग पासवान, कहा- कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ
By एस पी सिन्हा | Published: September 10, 2024 04:52 PM2024-09-10T16:52:42+5:302024-09-10T16:53:25+5:30
चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर किए एक पोस्ट में कहा कि आज राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ है। कांग्रेस चाहती है और उनकी प्राथमिकताओं में यह रहा है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए।
पटना: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा अमेरिका में आरक्षण को लेकर दिए बयान पर मंगलवार को लोजपा (रा) प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरक्षण समाप्त करना तो दूर, सोचना भी अपराध है राहुल गांधी जी! चिराग पासवान ने सोशल मीडिया पर किए एक पोस्ट में कहा कि आज राहुल गांधी के बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ है। कांग्रेस चाहती है और उनकी प्राथमिकताओं में यह रहा है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए आरक्षण जरूरी है। ऐसे में आरक्षण को समाप्त करना तो दूर, कोई उस प्रावधान से छेड़छाड़ करने की भी नहीं सोच सकता। मैं विश्वास दिलाता हूं कि जब तक मैं और मेरी पार्टी लोजपा (रामविलास) है, तब तक न तो आरक्षण को कोई खतरा है और न ही संविधान को।
चिराग ने कहा कि कांग्रेसी मानसिकता वाले लोग जनता को गुमराह करने के लिए ऐसे बयानों का इस्तेमाल करते आए हैं। आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस का चुनावी जुमला है, जिससे हम सबको सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र में लंबे अरसे तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ना तो जातीय जनगणना करा पाई और ना ही ओबीसी आरक्षण को ही लागू कर पाई।
इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सोच शुरू से आरक्षण विरोधी रही है। चिराग ने कहा कि आरक्षण समाप्त करने की साजिश का दोषारोपण ये दूसरों पर करते हैं, जबकि हकीकत यह है कि ये मानसिकता इन लोगों की ही है। दोनों गठबंधनों में कितना फर्क है कि एक ओर नेता प्रतिपक्ष आरक्षण समाप्त करने की सोच रखते हैं तो दूसरी तरफ एनडीए के सर्वमान्य नेता आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरक्षण के सभी प्रावधान को वैसे ही लागू रखने के लिए कृतसंकल्प हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में राहुल गांधी ने कहा था कि अगर आप दलित, आदिवासी और ओबीसी को देखें तो वे 73 प्रतिशत हैं। जबकि 70 में मात्र एक आदिवासी, तीन दलित, तीन ओबीसी और एक अल्पसंख्यक हैं। भारत के 90 प्रतिशत लोगों को सरकार में मात्र 10 प्रतिशत जगह दी गई है। अगर आप वित्तीय आंकड़े देखें तो आदिवासियों को 100 रुपये में मात्र 10 पैसे, दलित को पांच रुपये और ओबीसी को भी इतने ही मिलते हैं। तो मुद्दे की बात यह है कि इन लोगों की सहभागिता नहीं हैं।