कांग्रेस विधायक का दावा- अरुणाचल प्रदेश से सटे बॉर्डर से चीनी सेना ने 5 भारतीयों को किया किडनैप
By रामदीप मिश्रा | Published: September 5, 2020 09:42 AM2020-09-05T09:42:57+5:302020-09-05T13:10:07+5:30
अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग का दावा है कि प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले के पांच लोगों का अपहरण हुआ है, जोकि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जरिए किया गया है।
नई दिल्लीः लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बरकरार है और तनाव को कम करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच शुक्रवार को दो घंटे से अधिक समय तक मास्को में बैठक की है। इस बीच कांग्रेस के विधायक ने दावा किया है कि अरुणाचल प्रदेश से सटे बॉर्डर से चीनी सेना ने 5 भारतीयों का अपहरण कर लिया है।
खबरों के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिंग का दावा है कि प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले के पांच लोगों का अपहरण हुआ है, जोकि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जरिए किया गया है। ऐसी ही घटना पहले भी देखने को मिली थी।
इधर, चीन से वार्ता के दौरान राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में यथा स्थिति को बनाए रखने और सैनिकों को तेजी से हटाने पर जोर दिया है। सिंह के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही के बीच मॉस्को में बैठक समाप्त हुई। यह बैठक दो घंटे 20 मिनट तक चली।’’
सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने चीनी सेना के पैंगोंग झील के दक्षिण तट में यथास्थिति बदलने के नए प्रयासों पर कड़ी आपत्ति जताई और वार्ता के माध्यम से गतिरोध के समाधान पर जोर दिया। एक सूत्र ने कहा, "दो रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत का केन्द्र लंबे समय से चले आ रहे सीमा गतिरोध को हल करने के तरीकों पर था।"
रूस की राजधानी मास्को में एक प्रमुख होटल में रात करीब साढ़े नौ बजे (भारतीय समयानुसार) वार्ता शुरू हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे। सूत्रों ने बताया कि चीन के रक्षा मंत्री ने बातचीत की पेशकश की थी। दोनों नेता एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को में हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ में अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए विश्वास का माहौल, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति सम्मान तथा मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है।