सीपीईसी परियोजना में तीसरे देश को शामिल करने की कोशिश में चीन-पाकिस्तान, भारत ने दी तीखी प्रतिक्रिया

By शिवेंद्र राय | Published: July 26, 2022 12:46 PM2022-07-26T12:46:12+5:302022-07-26T12:47:57+5:30

चीन और पाकिस्तान के बीच के इस आर्थिक गलियारे का भारत शुरु से ही खुलकर विरोध करता आ रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा ये गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है। भारत इसे अवैध और गैरकानूनी बताता है।

China Pak Move To Involve 3rd Nations In CPEC India Slams | सीपीईसी परियोजना में तीसरे देश को शामिल करने की कोशिश में चीन-पाकिस्तान, भारत ने दी तीखी प्रतिक्रिया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (फाइल फोटो)

Highlightsभारत ने चीन-पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाईअरिंदम बागची ने सीपीईसी परियोजना पर दी तीखी प्रतिक्रियातीसरे देश को शामिल करना चाहते हैं चीन-पाकिस्तान

नई दिल्ली: चीन और पाकिस्तान के बीच बन रहे अरबों डॉलर के आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का हिस्सा बनने के लिए तीसरे देश को आमंत्रित करने के लिए भारत ने दोनों देशों को खरी-खरी सुनाई है। चीन की मदद से बन रहा ये आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर जाता है जिसे भारत अपना अभिन्न हिस्सा मानता है। इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने तीखी प्रतिक्रिया में कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत ऐसी गतिविधियां "स्वाभाविक रूप से अवैध, नाजायज और अस्वीकार्य" हैं।"

बागची ने कहा, "हमने तथाकथित सीपीईसी परियोजनाओं में तीसरे देशों की प्रस्तावित भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर रिपोर्ट देखी है। किसी भी पार्टी द्वारा इस तरह की कोई भी कार्रवाई सीधे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती है।" उन्होने कहा,"भारत तथाकथित सीपीईसी में परियोजनाओं का दृढ़ता से और लगातार विरोध करता है, जो कि भारतीय क्षेत्र में हैं, जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।"

क्या है पूरा मामला

दरअसल चीन की महत्वाकांक्षी योजना 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (बीआरआई) के तहत शुरू की गई सीपीईसी परियोजना में हिस्सा बनने के लिए चीन और पाकिस्तान ने दूसरे देशों को निमंत्रण दिया था। दोनों देशों की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि सीपीईसी आपसी सहयोग का एक 'खुला एवं समावेशी मंच' है। भारत इस परियोजना का लगातार विरोध करता रहा है। अब इसमें तीसरे देश को शामिल करने की कोशिशों पर भारत ने तीखी नाराजगी जताई है।

साल 2013 में शुरू हुआ यह आर्थिक गलियारा पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनझियांग क्षेत्र में स्थित काशगर से जोड़ने वाला है। चीन ने इस पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। ये गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है इसलिए भारत इसे अवैध मानता है। ये परियोजना चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके जरिए जिनपिंग प्राचीन रेशम मार्ग को फिर से जीवित करना चाहते हैं। हालांकि कई विश्लेषकों का ये भी मानना है कि इसके जरिए चीन पाकिस्तान को अपने आर्थिक नियंत्रण में लेना चाहता है।

Web Title: China Pak Move To Involve 3rd Nations In CPEC India Slams

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