चीन ने आखिर माना गलवान घाटी में मारे गए थे उसके जवान, संख्या बताने से किया इंकार

By निखिल वर्मा | Published: June 25, 2020 01:10 AM2020-06-25T01:10:31+5:302020-06-25T01:13:55+5:30

चीन लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है जब दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है.

China finally admits casualties in Galwan ghati clash, claims ‘numbers not very high’ | चीन ने आखिर माना गलवान घाटी में मारे गए थे उसके जवान, संख्या बताने से किया इंकार

लद्दाख में 5 मई से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा है (एएफपी फोटो)

Highlightsचीन के एक शीर्ष अधिकारी विदेशी राजनयिकों के साथ बैठक में अपने जवानों के मारे जाने की पुष्टि की हैचीन ने कहा है कि वह अपने हताहत हुए सैनिकों की संख्या बताकर भावनाएं नहीं भड़काना चाहता है

चीन ने आखिरकार मान लिया है कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवान में घाटी में हुई झड़प में उसके सैनिक भी मारे गए थे। हालांकि चीन ने दावा किया कि यह संख्या बहुत ज्यादा है। चीन के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार (24 जून) को विदेशी राजनयिकों को बताया कि लद्दाख में हुई झड़प में चीन को बहुत भारी नुकसान नहीं हुआ है और उसने हताहतों की संख्या इसलिए जाहिर नहीं किया क्योंकि संख्या की तुलना से शत्रुता को बढ़ावा मिलेगा।

हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय में चुनिंदा राजनयिकों के एक समूह से बात करते हुए बाउंड्री एंड ओसियन अफेयर्स की डेप्युटी डायरेक्टर जनरल ही शीयांगकि ने ये बात बताई। उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष में हताहतों की संख्या ज्यादा नहीं हैं लेकिन इसे इसलिए बताया गया क्योंकि बीजिंग भावनाओं को नहीं भड़काना चाहता।

15 जून के बाद यह पहला मौका है जब चीन के किसी सरकारी अधिकारी ने स्वीकार किया है कि लद्दाख के खूनी झड़प में पीएलए के सैनिक मारे गए थे। 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में भारत के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हुए थे। हालांकि, झड़प के बाद चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि दोनों देशों की सेनाओं को नुकसान हुआ है। 

चीन ने जिन देशों के राजनयिकों को ब्रीफिंग में बुलाया गया उनमें अधिकतर दक्षिण एशिया के हैं, जिनमें पाकिस्तान, आसियान देश, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। बैठक में उसने विवाद के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया। उसने कहा कि भारत ने ही दोनों देशों के बीच हुए समझौते को तोड़ा। 

सीमा पर दोहरा रवैया अपना रहा है चीन

चीन क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए भारत के साथ सैन्य और कूटनीतिक वार्ता करने के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग सो, गलवान घाटी और अन्य संघर्ष बिन्दुओं पर अपनी सैन्य उपस्थिति भी बढ़ा रहा है। इन घटनाक्रमों की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह सूचना दी। उन्होंने बताया कि चीन ने गलवान घाटी में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की है। 

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में चीन द्वारा निगरानी चौकी का निर्माण किए जाने के कारण यह संघर्ष हुआ था। लेकिन, भारत के कड़े रूख के बावजूद चीन की सेना ने फिर से 14वें गश्त बिन्दु के पास-पास कुछ ढांचा खड़ा किया है। पिछले कुछ दिन से चीन गलवान घाटी पर दावा कर रहा है, लेकिन भारत इसे ऐसा दावा बता रहा है जिसमें कोई तथ्य नहीं है। पेंगोंग सो और गलवान घाटी के अलावा दोनों देश की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के देमचोक, गोगरा हॉट स्प्रिंग और दौलत बेग ओल्डी में भी गतिरोध जारी है। 

बड़ी संख्या में चीनी सेना के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की ओर आ गए थे। उपरोक्त जानकारी देने वाले लोगों ने ही बताया कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई महत्वपूर्ण सेक्टरों पर सैनिकों की संख्या और हथियार दोनों बढ़ा दिए हैं।

Web Title: China finally admits casualties in Galwan ghati clash, claims ‘numbers not very high’

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