शराब से नहला दी मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की फोटो, जानिए टीडीपी विधायकों ने क्यों किया ऐसा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 21, 2022 04:06 PM2022-03-21T16:06:55+5:302022-03-21T16:11:56+5:30
टीडीपी नेताओं ने शराब से मुख्यमंत्री जगन मोहन की फोटो को नहलाते हुए आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस की सरकार राज्य में सस्ती शराब, गांजा और नशीली दवाओं से राजस्व से 10 गुना अधिक कमा रही है।
अमरावती:आंध्र प्रदेश में विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के विधायकों ने सोमवार को राज्य में शराब की बढ़ती खपत के विरोध में मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के चित्र को शराब से धोया। टीडीपी विधायकों ने आरोप लगाया कि जगन सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में चरणबद्ध शराबबंदी का वादा किया था लेकिन अब वह इसके उलट राज्य में शराब की खपत को बढ़ावा दे रही है।
इस मामले में टीडीपी के विधायक पार्टी महासचिव और विधान परिषद सदस्य नारा लोकेश के नेतृत्व में बोतल की शराब से मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की तस्वीर को नहला दिया। इसके साथ ही उन्होंने "कलती सारा (मिलावटी शराब) सीएम, डाउन डाउन" के नारे भी लगाए।
विधानमंडल परिसर के पास सदन में चल रहे बजट सत्र में भाग लेने से पहले विपक्षी विधायकों ने तख्तियां लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया कि राज्य अवैध शराब, अवैध भांग और गांजा के साथ-साथ मादक दवाओं में डूबता जा रहा है।
टीडीपी नेताओं ने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस की सरकार राज्य में सस्ती और नकली ब्रांड की शराब बेच रही है, जिसके परिणामस्वरूप हाल में जंगारेड्डीगुडेम शहर में कई मौतें हुई हैं। प्रदर्शनकारी विधायक अवैध शराब पीने से मरने वाले मृतक के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की मुआवजे की मांग कर रहे थे।
धरना स्थल पर टीडीपी नेता चिन्नाराजप्पा ने मांग की कि मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि जंगारेड्डीगुडेम में शराब से कोई मौत नहीं हुई है और ऐसा बयान देकर उन्होंने पूरे आंध्र प्रदेश को गुमराह किया है। इसलिए उन्हें फौरन इस्तीफा देना चाहिए। विपक्षी विधायकों ने सीएम जगन मोहन रेड्डी पर राज्य में पूर्ण शराबबंदी के अपने चुनावी वादे से पीछे हटने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार शराब की बिक्री से मिलने वाले राजस्व के लिए लोगों के जीवन को खतरे में डाल रही है।
इस बीच विधानसभा स्पीकर ने टीडीपी विधायकों को एक दिन के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया क्योंकि उन्होंने शराब से होने वाली मौतों पर बहस की मांग को लेकर सदन की कार्यवाही को रोकने की कोशिश की। विधानसभा सत्र के लगातार पांचवें दिन टीडीपी विधायक इस मुद्दे पर बहस करने के लिए सदन के वेल में चले आये।
स्पीकर टी सीताराम ने टीडीपी सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस लौटने की अपील की लेकिन सदस्यों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद जगन सरकार ने नारेबाजी कर रहे टीडीपी सदस्यों को एक दिन के लिए सदन से निलंबित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया। जिसे स्पीकर ने मंजूर कर लिया।
मालूम हो कि तेलगूदेशम पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के आह्वान पर पार्टी नेताओं ने सोमवार को विभिन्न जिलों में शराब की दुकानों के सामने धरना दिया। राज्य में हर जगह अवैध और सस्ती शराब बेचे जाने का आरोप लगाते हुए टीडीपी पहले ही शराब से होने वाले राजस्व पर श्वेत पत्र की मांग कर चुकी है। विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया है कि वाईएसआरसीपी नेता सस्ती शराब, गांजा और नशीली दवाओं से राज्य में आने वाले शराब राजस्व से 10 गुना अधिक कमा रहे हैं।