17 नवंबर को रिटायर होंगे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, कल आएगा राफेल विमान और सबरीमाला मंदिर पर फैसला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 13, 2019 12:20 PM2019-11-13T12:20:28+5:302019-11-13T12:20:28+5:30
उच्चतम न्यायालय राफेल समझौते पर सरकार को क्लीन चिट देने के उसके निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रही याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाएगा।
देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। अयोध्या जैसे बड़े मामले पर फैसले आने के बाद उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को दो बड़े फैसले पर निर्णय आएगा।
उच्चतम न्यायालय राफेल समझौते पर सरकार को क्लीन चिट देने के उसके निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रही याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाएगा। इसके अलावा उच्चतम न्यायालय सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले अपने आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग कर रही याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को ही फैसला सुनाएगा। रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच कल सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगी।
Supreme Court to pronounce tomorrow its judgement on Rafale review petitions against its December 14, 2018 judgement upholding the 36 Rafale jets' deal. pic.twitter.com/vELaxbEcFm
— ANI (@ANI) November 13, 2019
उच्चतम न्यायालय राफेल सौदे पर सरकार को क्लीन चिट देने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रही याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाएगा। शीर्ष अदालत राफेल मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री - यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य की याचिकाओं पर फैसला सुनाएगी जिनमें पिछले साल के 14 दिसंबर के उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गयी है जिसमें फ्रांस की कंपनी ‘दसॉल्ट’ से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के केंद्र के राफेल सौदे को क्लीन चिट दी गयी थी।
उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की पीठ राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मामले में फैसला सुनाएगी। गौरतलब है कि 14 दिसम्बर 2018 को शीर्ष अदालत ने 58,000 करोड़ के इस समझौते में कथित अनियमितताओं के खिलाफ जांच का मांग कर रही याचिकाओं को खारिज कर दिया था
उच्चतम न्यायालय केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले उसके आदेश पर पुनर्विचार करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को फैसला सुनाएगा। उच्चतम न्यायालय 56 पुनर्विचार याचिकाओं, चार ताजा रिट याचिकाओं और मामला स्थानांतरित करने संबंधी पांच याचिकाओं समेत 65 याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा।
ये याचिकाएं उसके फैसले के बाद दायर की गयी थी। सबरीमला पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद केरल में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 28 सितंबर 2018 के उसके फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद छह फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Supreme Court to pronounce its judgement tomorrow on review petitions against the verdict allowing entry of women of all age groups into the #Sabarimala temple. pic.twitter.com/sjUNmm51GE
— ANI (@ANI) November 13, 2019
पीठ में न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल हैं। शीर्ष न्यायालय ने 4:1 के बहुमत से 28 सितंबर 2018 को दिए फैसले में केरल के मशहूर अयप्पा मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु वाली महिलाओं और लड़कियों के प्रवेश पर लगे रोक को हटा दिया था और कहा था कि हिंदू धर्म की सदियों पुरानी यह परंपरा गैरकानूनी और असंवैधानिक है। पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने खुली अदालत में याचिकाओं पर सुनवाई की थी और पक्षकारों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।