छत्तीसगढ़ में बीजेपी पर हमलावर राहुल गांधी, बोले- पीएम मोदी ने नोटबंदी करके अपने कारोबारी दोस्तों की जेबें भरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 9, 2018 02:54 PM2018-11-09T14:54:17+5:302018-11-09T14:55:23+5:30
राहुल ने कहा कि नोटबंदी का फैसला जनहित के लिए नहीं था। पीएम ने नोटबंदी का फैसला बड़े कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया।
छत्तीसगढ़ की सियासी बिसात पर बीजेपी और कांग्रेस के शीर्ष नेता शुक्रवार को अपने-अपने दांव चल रहे हैं। आज राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के पखांजुर में आम सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल ने कहा कि नोटबंदी का फैसला जनहित के लिए नहीं था। पीएम ने नोटबंदी का फैसला बड़े कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया। उन्होंने सवाल किया कि लोगों को लाइन में लगाकर नोटबंदी से क्या फायदा हुआ।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी विषय को लेकर बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला था और आरोप लगाया था कि मोदी सरकार का यह कदम खुद से पैदा की गई ‘त्रासदी’ और ‘आत्मघाती हमला’ था जिससे प्रधानमंत्री के ‘सूट-बूट वाले मित्रों’ ने अपने कालेधन को सफेद करने का काम किया।
LIVE: Congress President @RahulGandhi addresses a public gathering in Rajnandgaon, Chhattisgarh. #गढ़बो_नवा_छत्तीसगढ़https://t.co/mxhn1MZMe7
— Congress (@INCIndia) November 9, 2018
शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के सियासी अखाड़े में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छलांग लगा रहे हैं। 12 नवंबर को पहले चरण के मतदान वाले इलाके बस्तर में पीएम मोदी रैली कर रहे हैं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी अपने सेनाध्यक्ष राहुल गांधी को मैदान में उतारा है। दो दिनों में उनका पांच रैलियों का कार्यक्रम है। आज दोपहर 12 बजे राहुल गांधी पाखनजोरे में जनसभा को संबोधित किया। इस चुनावी सीजन में पहली बार दोनों नेता आमने-सामने आ रहे हैं।
बस्तर में चुनावी प्रचार शबाब पर है। विभिन्न दलों के कार्यकर्ता चुनावी किला फतह करने आखिरी खंदक की लड़ाई लड़ रहे हैं। समूचे छत्तीसगढ़ के समान बस्तर में भी मुख्य टक्कर कांग्रेस व भाजपा के मध्य ही है। कुछेक क्षेत्नों में जोगी कांग्रेस व भाकपा के उम्मीदवारों के कारण त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बनी है।
गत चुनाव में भाजपा बस्तर की 12 में से सिर्फ 4 सीटों पर विजयी हुई थी, इस बार जहां भाजपा अपनी खोई हुई सीटों पर पुन: कब्जा करने, करो या मरो की तर्ज पर प्रयत्नशील है, वहीं कांग्रेसी भाजपा से अधिक सीटें झटकने, आक्रामक तेवरों के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं।