Chhapra Hooch Tragedy: छपरा में जहरीली शराब से 72 से अधिक की मौत, केंद्रीय मंत्री राय ने कहा- नीतीश कुमार व्यंग की भाषा छोड़कर दोषियों पर कार्रवाई करें
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 18, 2022 05:52 PM2022-12-18T17:52:20+5:302022-12-18T17:53:32+5:30
Chhapra Hooch Tragedy: भारतीय जनता पार्टी सांसद सुशील मोदी ने पटना में कहा कि कल मैंने छपरा जाकर जहरीली शराब कांड से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की।
पटनाः छपरा शराब कांड की जांच के फैसले पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि छपरा के जहरीली शराब कांड में 72 से अधिक की मृत्यु हुई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ने स्वत: संज्ञान लिया है। राज्य सरकार आंकड़ें छिपा रही है। मैं नीतीश कुमार से आग्रह करूंगा कि आप व्यंग की भाषा छोड़कर दोषियों पर कार्रवाई कीजिए।
Bihar | NHRC is an autonomous body&has right to take independent decisions. Over 72 people died.Govt trying to hide number of deaths.I urge Nitish Kumar to take action against accused¬ blame others:Union Min Nityanand Rai on NHRC's decision to investigate Chhapra Hooch tragedy pic.twitter.com/PgeHz6uYiO
— ANI (@ANI) December 18, 2022
भारतीय जनता पार्टी सांसद सुशील मोदी ने पटना में कहा कि कल मैंने छपरा जाकर जहरीली शराब कांड से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। वहां मृतकों की संख्या 100 पार कर चुका है। सरकार आंकड़ों को छुपा रही है। इसका एक बड़ा कारण है कि लोगों ने बिना पोस्टमार्टम कराए शवों को जला दिया।
सुशील मोदी ने कहा कि अगर सरकार ने अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था की होती तो काफी लोगों को बचा लिया जाता। अगर किसी व्यक्ति ने थोड़ी शराब पी ली तो उसे मरने दिया जाए, नीतीश जी ये आपकी नैतिकता नहीं हो सकती।
अगर सरकार ने अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था की होती तो काफी लोगों को बचा लिया जाता। अगर किसी व्यक्ति ने थोड़ी शराब पी ली तो उसे मरने दिया जाए, नीतीश जी ये आपकी नैतिकता नहीं हो सकती: BJP सांसद सुशील मोदी, पटना pic.twitter.com/1KEAdTjoLN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2022
नकली शराब के सेवन से पिछले छह वर्षों में सात हजार लोगों की मौत
भारत में नकली शराब के सेवन से पिछले छह वर्षों में करीब सात हजार लोगों की जान की गई है और मौत के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब में दर्ज किए गए हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
गौरतलब है कि बिहार में नकली शराब के सेवन से पिछले दो-तीन दिनों में 30 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जबकि राज्य में वर्ष 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, देश में नकली शराब के सेवन से वर्ष 2016 में मौत के 1,054 मामले सामने आए, जबकि वर्ष 2017 में इससे 1,510, वर्ष 2018 में 1,365, वर्ष 2019 में 1,296 और वर्ष 2020 में 947 लोगों की जान गई।
आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021 में पूरे देश में नकली शराब के सेवन से जुड़ी 708 घटनाओं में 782 लोगों की मौत हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 137, पंजाब में 127 और मध्य प्रदेश में 108 लोगों की जान गई। एनसीआरबी के अनुसार, 2016 से 2021 तक छह साल की अवधि में नकली शराब ने भारत में कुल 6,954 लोगों की जान ली।
इस लिहाज से नकली शराब के सेवन से देश में प्रतिदिन औसतन तीन से अधिक लोगों की मौत हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक, 2016 से 2021 के बीच नकली शराब के सेवन से मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 1,322 मौतें हुईं, जबकि कर्नाटक में इस अवधि में 1,013 और पंजाब में 852 लोगों की जान गई।
नकली शराब से हुई मौतों को लेकर लोकसभा में 19 जुलाई 2022 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद कुंवर दानिश अली के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने वर्ष 2016 से लेकर 2020 तक के एनसीआरबी के आंकड़े पेश किए थे।
आंकड़ों के अनुसार, 2016 से 2021 के बीच नकली शराब पीने से उत्तर प्रदेश में 425, राजस्थान में 330, झारखंड में 487, हिमाचल प्रदेश में 234, हरियाणा में 489, गुजरात में 54, छत्तीसगढ़ में 535, बिहार में 23, आंध्र प्रदेश में 293 और पश्चिम बंगाल में 24 लोगों की मौत हुई। इस अवधि में नकली शराब ने पुडुचेरी में 172 और दिल्ली में 116 लोगों की जान ली।