Chandrayaan-3 Vikram lander-Pragyan rover: 16 दिन की गहरी नींद, चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को कल इसरो करेगा सक्रिय, देखें वीडियो

By सतीश कुमार सिंह | Published: September 21, 2023 08:00 PM2023-09-21T20:00:08+5:302023-09-21T20:40:33+5:30

Chandrayaan-3 Vikram lander-Pragyan rover: 16 दिनों की गहरी नींद के बाद चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को कल इसरो द्वारा सक्रिय किया जाएगा।

Chandrayaan-3 Vikram lander-Pragyan rover After 16 days of deep sleep activated by ISRO tomorrow see video | Chandrayaan-3 Vikram lander-Pragyan rover: 16 दिन की गहरी नींद, चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को कल इसरो करेगा सक्रिय, देखें वीडियो

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Highlights दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पल को इंतजार कर रहे हैं। हमें चंद्रमा की सतह की और जांच करनी है।कुछ और प्रायोगिक डेटा मिलेंगे जो उपयोगी होंगे।

Chandrayaan-3 Vikram lander-Pragyan rover: केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि देश को अब कुछ ही घंटों में प्रज्ञान और विक्रम के नींद से जागने का इंतजार है, ऐसा होते ही यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएग। चन्द्रमा पर 14 दिन की रात समाप्त होने वाली है।

हमें बेसब्री से वहां सूर्योदय होने और उसके साथ ही 'विक्रम' व 'प्रज्ञान' के सक्रिय होने का इंतजार है। 16 दिनों की गहरी नींद के बाद चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को कल इसरो द्वारा सक्रिय किया जाएगा। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पल को इंतजार कर रहे हैं।

इसरो (एसएसी) के निदेशक नीलेश देसाई ने कहा कि हम 22 सितंबर को लैंडर और रोवर दोनों को पुनर्जीवित करने की कोशिश करेंगे और अगर हमारी किस्मत अच्छी रही, तो हम इस लैंडर और रोवर दोनों को पुनर्जीवित करेंगे और हमें कुछ और प्रायोगिक डेटा मिलेंगे जो उपयोगी होंगे हमें चंद्रमा की सतह की और जांच करनी है।

भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था। भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने पहले कहा था कि चंद्र मिशन के रोवर और लैंडर चंद्रमा की रात में निष्क्रिय हो जाएंगे।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा पर सुबह होने के साथ ही अब अपने चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ के सौर ऊर्जा से संचालित लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ के साथ संपर्क स्थापित कर इन्हें फिर से सक्रिय करने का प्रयास कर रहा है ताकि वे वैज्ञानिक प्रयासों को जारी रख सकें।

चंद्रमा पर रात होने से पहले, लैंडर और रोवर दोनों इस महीने की शुरुआत में क्रमशः चार और दो सितंबर को सुप्तावस्था या निष्क्रय अवस्था (स्लीप मोड) में चले गये थे। इसरो यदि चंद्रमा पर सूर्योदय होते ही लैंडर और रोवर को फिर से सक्रिय कर देता है तो चंद्रयान-3 के पेलोड द्वारा एक बार फिर से प्रयोग किये जा सकेंगे।

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र, जहां लैंडर और रोवर दोनों स्थित हैं, पर सूर्य की रोशनी फिर से आने और उनके सौर पैनल के जल्द ही चार्ज होने की उम्मीद है। इसरो अब लैंडर और रोवर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने और इन्हें सक्रिय करने का प्रयास कर रहा है। इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया, ‘‘हमने लैंडर और रोवर दोनों को ‘स्लीप मोड’ पर डाल दिया है।

 क्योंकि तापमान शून्य से 120-200 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जायेगा। बीस सितंबर से चंद्रमा पर सूर्योदय हो रहा होगा और हमें उम्मीद है कि 22 सितंबर तक सौर पैनल और अन्य उपकरण पूरी तरह से चार्ज हो जाएंगे, इसलिए हम लैंडर और रोवर दोनों को सक्रिय करने की कोशिश करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यदि हमारी किस्मत अच्छी रही, तो हमारे लैंडर और रोवर दोनों सक्रिय हो जाएंगे और हमें कुछ और प्रायोगिक डेटा मिलेंगे, जो चंद्रमा की सतह की आगे की जांच के लिए हमारे लिए उपयोगी होंगे। हम 22 सितंबर से होने वाली गतिविधि का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हम लैंडर और रोवर दोनों को सक्रिय करने और कुछ और उपयोगी डेटा प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं।’’

चंद्रमा पर उतरने के बाद, लैंडर और रोवर और पेलोड ने एक के बाद एक प्रयोग किए ताकि उन्हें 14 पृथ्वी दिन (एक चंद्र दिवस) के भीतर पूरा किया जा सके, चंद्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। लैंडर और रोवर का कुल वजन 1,752 किलोग्राम है और इन्हें वहां के परिवेश का अध्ययन करने के लिए एक चंद्र दिन की अवधि (लगभग 14 पृथ्वी दिवस) तक संचालित करने के लिए तैयार किया गया था। इसरो को उम्मीद है कि जब चंद्रमा पर फिर से सूर्योदय होगा तो ये फिर सक्रिय हो जाएंगे और वहां प्रयोग तथा अध्ययन करना जारी रखेंगे।

इसरो ने चार सितंबर को कहा था, ‘‘सौर ऊर्जा खत्म हो जाने और बैटरी से भी ऊर्जा मिलना बंद हो जाने पर विक्रम, प्रज्ञान के पास ही निष्क्रिय अवस्था में चला जाएगा। उनके 22 सितंबर, 2023 के आसपास सक्रिय होने की उम्मीद है।’’ इसरो ने कहा था कि पेलोड को बंद कर दिया गया और लैंडर के रिसीवर को चालू रखा गया है।

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