केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, सिनेमाघरों में फिलहाल अनिवार्य ना बनाया जाए राष्ट्रगान
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 8, 2018 09:55 PM2018-01-08T21:55:03+5:302018-01-08T22:02:25+5:30
30 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया था जिसमें सिनेमाघरों में राष्ट्रगान को अनिवार्य कर दिया गया था
सिनेमाघरों में राष्ट्रगान की अनिवार्यता पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा गया है कि इस मसले पर सरकार ने एक कमेटी बनाई है जो 6 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। कमेटी के सुझावों के आधार पर केंद्र सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी। इसलिए फिलहाल सिनेमाघरों में राष्ट्रगान को अनिवार्य ना बनाया जाए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर 2016 को एक फैसला सुनाया था। जिसके बाद से सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया गया था। कोर्ट का कहना था कि ये सभी नागरिकों की ड्यूटी है कि वो राष्ट्रगान का सम्मान करें। इसके बाद 23 अक्टूबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संबंध में रूपरेखा तय करने को कहा था।
ताजा हलफनामे में कहा गया है कि इस अंतर मंत्रालयी कमेटी का नेतृत्व गृहमंत्रालय के अतिरिक्त सचिव करेंगे। कमेटी का गठन 5 दिसंबर को किया गया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट कल (मंगलवार) को सुनवाई कर सकता है।
फिलहाल सिनेमाघरों में राष्ट्रगान की अनिवार्यता तब तक बनी रहेगी, जब तक सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में सुधार कर इसमें ढील ना दे दे। यानी सिनेमाघरों, थियेटरों, सभागारों में अनिवार्य रूप से बजने वाले राष्ट्रगान के समय दिव्यांगों को छोड़कर सभी को सावधान की मुद्रा में खड़ा होकर राष्ट्रगान का सम्मान करना होगा।