केंद्र ने धारा 370 पर हो रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट से कहा, ''वो जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है''
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 31, 2023 01:28 PM2023-08-31T13:28:18+5:302023-08-31T13:31:33+5:30
केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत में धारा 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य में कब चुनाव होंगे, इसका फैसला चुनाव आयोग को लेना है लेकिन केंद्र सरकार हर तरीके से चुनाव के लिए तैयार है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है। देश की सर्वोच्च अदालत में मोदी सरकार ने धारा 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को कहा कि राज्य में कब चुनाव होंगे, इसका फैसला चुनाव आयोग को लेना है। केंद्र सरकार हर तरीके से चुनाव के लिए तैयार है।
कोर्ट में केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ को बताया कि चुनाव आयोग द्वारा जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची में सुधार किया जा रहा है और इस प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग एक महीने का समय लगेगा।
सॉलिसिटर जनरल ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस की बेंच को बताया, "केंद्र सरकार को इस संबंध में कोई समस्या नहीं है और हम जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है।"
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के साथ बेंच में शामिल जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टस सूर्यकांत से कहा, “जम्मू-कश्मीर में आज तक मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया चल रही है, जो काफी हद तक ख़त्म हो चुकी है। कुछ हिस्सा बाकी है, जिसे चुनाव आयोग तेजी से निपटा रहा है।”
मेहता ने कोर्ट को आगे बताया कि राज्य चुनाव आयोग और भारतीय चुनाव आयोग मिलकर चुनाव के समय पर फैसला लेंगे। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में त्रिस्तरीय चुनाव होने हैं। ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रणाली शुरू की गई है और सबसे पहले वहां पंचायत के चुनाव के होंगे।
सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, पंचायत चुनाव और नगर निगम चुनाव संपन्न होने के बाद ही संभाव हो सकेंगे।
इसके साथ केंद्र ने सर्वोच्च अदालत से यह भी कहा कि वह फिलहाल जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा बताने में असमर्थ है, लेकिन केंद्र ने कोर्ट को यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित दर्जा अस्थायी है।
सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा, ''मैं यह कहते हुए पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए सटीक समय अवधि बताने में असमर्थ हूं कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।''
इससे पहले सुनवाई की पिछली तारीख पर शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा था राज्य में लोकतांत्रिक सरकार की बहाली बेहद आवश्यक है। इसलिए केंद्र बताए कि वो कब जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देगा और वहां कब तक चुनाव करायेगा।
केंद्र सरकार ने चीफ जस्टिस की बेंच को आज बताया कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्र सरकार आवश्यक कदम उठा रही है और ये कदम तभी उठाए जा सकते हैं जब वह केंद्र शासित प्रदेश हो। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने के लिए वहां पर लगातार विकास कार्य हो रहे हैं।