पुलिस हिरासत में व्यक्ति की मृत्यु की सीबीआई जांच का निर्देश

By भाषा | Updated: September 10, 2021 22:45 IST2021-09-10T22:45:05+5:302021-09-10T22:45:05+5:30

CBI inquiry directed into the death of a person in police custody | पुलिस हिरासत में व्यक्ति की मृत्यु की सीबीआई जांच का निर्देश

पुलिस हिरासत में व्यक्ति की मृत्यु की सीबीआई जांच का निर्देश

प्रयागराज, 10 सितंबर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जौनपुर में 24 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में हुई मृत्यु की सीबीआई जांच का बुधवार को निर्देश दिया। अदालत ने इस मामले में कहा, “पुलिस का पूर्ण प्रयास किसी तरह आरोपियों को क्लीन चिट देने का है।”

जौनपुर जिले के अजय कुमार यादव द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने इस मामले की जांच सीबीआई को हस्तांतरित कर दी।

अदालत ने कहा, “अगर जांच ना तो प्रभावी हो, ना उद्देश्यपूर्ण हो और ना ही निष्पक्ष हो तो अदालतें यदि आवश्यक समझें तो निष्पक्ष जांच, आगे की जांच या पुनः जांच का आदेश दे सकती हैं जिससे सच्चाई सामने आ सके और अन्याय होने से रोका जा सके।”

इस मामले में अजय कुमार यादव ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस उसके भाई कृष्णा यादव उर्फ पुजारी (उम्र 24 वर्ष) को 11 फरवरी, 2021 को जबरदस्ती अपने साथ ले गई और उसे थाने में रखा। यह घटना जौनपुर जिले में हुई।

प्राथमिकी में कहा गया कि जब सूचनादाता (मृतक का भाई) थाने गया तो उसे उसके भाई से मिलने नहीं दिया गया और अगले दिन 12 फरवरी, 2021 को उसे बताया गया कि उसके भाई की मौत हो गई है। इसके बाद, भादंसं की धारा 302 एवं अन्य धाराओं के तहत बक्सा थाने में आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।

वहीं दूसरी ओर, पुलिस ने दावा किया कि कृष्णा यादव जब मोटरसाइकिल से जा रहा था तो उसे पकड़ने का प्रयास किया गया और वह गिर गया जिसकी वजह से उसे चोटें आईं और जनता ने उसे पीटा।

पुलिस ने कहा कि जब एक उपनिरीक्षक और दो कांस्टेबलों के साथ उसे प्राथमिक उपचार के लिए भेजा गया, तो डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया जहां उसकी मौत हो गई।

पुलिस हिरासत में मौत की वजह से इस मामले की न्याचिक जांच जौनपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंपी गई और उन्होंने 16 गवाहों के बयान दर्ज किए। हालांकि वह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके।

इस मामले के रिकॉर्ड को देखने के बाद अदालत ने कहा, “पुलिस का पूर्ण प्रयास किसी तरह से आरोपियों को क्लीन चिट देने का है और इस उद्देश्य के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्यों को छोड़ा जा रहा है तथा कुछ साक्ष्य तैयार किए जा रहे हैं। लेकिन फिलहाल हम कुछ और टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे क्योंकि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी द्वारा निष्पक्ष जांच अभी की जानी बाकी है।

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Web Title: CBI inquiry directed into the death of a person in police custody

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