जाति संबंधी विवाद में समीर वानखेड़े को राहत, जांच समिति ने माना, जन्म से मुस्लिम नहीं थे वानखेड़े

By शिवेंद्र राय | Published: August 13, 2022 03:17 PM2022-08-13T15:17:49+5:302022-08-13T15:19:34+5:30

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को जाति संबंधी विवाद में क्लीन चिट मिल गई है। महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की शिकायत पर वानखेड़े की जाति की जांच कर रही समिति ने माना है कि वानखेड़े जन्म से मुस्लिम नहीं थे।

Cast Scrutiny Committee has given a clean chit to former NCB officer Sameer Wankhede | जाति संबंधी विवाद में समीर वानखेड़े को राहत, जांच समिति ने माना, जन्म से मुस्लिम नहीं थे वानखेड़े

एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े

Highlightsसमीर वानखेड़े को जाति विवाद में बड़ी राहतजांच समिति ने माना, वानखेड़े जन्म से मुस्लिम नहीं थेफैसले के बाद वानखेड़े ने कहा, सत्यमेव जयते

मुंबई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की जाति को लेकर चल रहा विवाद खत्म हो गया है। जाति प्रमाण पत्र मामले में एक साल से चल रहे विवाद को खत्म करते हुए कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े को क्लीन चिट दे दी है। समिति ने वानखेड़े के जाति प्रमाण पत्र को भी बरकरार रखा है। 91 पन्नों के एक आदेश में पैनल ने कहा कि वानखेड़े जन्म से मुस्लिम नहीं थे। समिति ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि समीर वानखेड़े और उनके पिता ज्ञानेश्वर वानखेड़े ने हिंदू धर्म का त्याग नहीं किया था और न ही मुस्लिम धर्म को अपनाया था।

समीर वानखेड़े के जाति प्रमाणपत्र की जांच कर रही कमेटी ने कहा है कि समीर वानखेड़े और और उनके पिता महार-37 जाति से आते हैं जो अनुसुचित वर्ग में आती है और जिसे हिंदू धर्म में मान्यता प्राप्त है। 

समीर वानखेड़े के खिलाफ महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक, मनोज संसारे, अशोक कांबले और संजय कांबले ने शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि वानखेड़े ने दलित होने का फर्जी प्रमाणपत्र देकर नौकरी पाई थी जबकि उनके पिता एक मुसलमान थे। इस मामले की जांच कर रही समिति ने पाया कि शिकायतकर्ता अपने दावे को साबित करने में सक्षम नहीं थे।

इस मामले में फैसला आने के बाद वानखेड़े ने ट्विटर पर लिखा, "सत्यमेव जयते।" एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े ने कहा, "मैंने अपना सारा जीवन जनता की सेवा के लिए काम किया है, लेकिन मुझे इस बात से दुख हुआ कि मेरे परिवार और मृत मां को भी नहीं बख्शा गया।"

बता दें कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े तब सुर्खियों में आए थे जब बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला सामने आया था। सुशांत सिंह राजपूत की मौत से शुरू हुआ मादक पदार्थों के सेवन और तस्करी का मामला बालीवुड के कई बड़े सितारों तक पहुंचा था। इस मामले में एनसीबी ने कई फिल्म स्टार को पूछताछ के लिए तलब किया था। इसके बाद शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान के खिलाफ भी क्रूज ड्रग्स केस में कड़ी कार्रवाई करने के लिए समीर वानखेड़े चर्चा में आए थे। 

महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की समीर वानखेड़े से लंबी तकरार चली थी। नवाब मलिक ने ही वानखेड़े की जाति का मु्द्दा जोर शोर से उठाया था। इस मामले में वानखेड़े ने आरोप लगाया कि नवाब मलिक ने उस समय एक कैबिनेट मंत्री के रूप में जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा केवल इसलिए उठाया था क्योंकि उनकी टीम ने मलिक के दामाद समीर खान को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया था।

Web Title: Cast Scrutiny Committee has given a clean chit to former NCB officer Sameer Wankhede

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