17 साल का नाबालिग लड़का क्या पिता को लीवर दान कर सकता है, सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगी फैसला, जानें क्या है पूरा मामला

By विनीत कुमार | Published: September 12, 2022 08:28 AM2022-09-12T08:28:55+5:302022-09-12T08:33:44+5:30

सुप्रीम कोर्ट आज एक अहम याचिका पर फैसला सुना सकता है। दरअसल 17 साल के एक नाबालिग लड़के ने अपने बीमार पिता के लिए लीवर दान करने की इजाजत मांगी है।

Can 17 year-old minor boy donate liver to his father, Supreme Court verdict today | 17 साल का नाबालिग लड़का क्या पिता को लीवर दान कर सकता है, सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगी फैसला, जानें क्या है पूरा मामला

नाबालिग क्या पिता को लीवर दान कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला (फाइल फोटो)

Highlights17 साल के नाबालिग लड़के ने बीमार पिता के लिए लीवर दान करने की मांगी है इजाजत।देश में मौजूदा कानून के तहत ऐसे मामलों में अंगदाता को बालिग होना चाहिए।यूपी का है परिवार, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में पिछले हफ्ते यूपी सरकार को भी नोटिस देकर जवाब मांगा था।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज 17 साल के लड़के की उस याचिका पर फैसला सुना सकता है, जिसमें उसने अपने पिता की जान बचाने के लिए अपना लीवर दान करने की अनुमति मांगी थी। जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की पीठ उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी की उपस्थिति में मामले में फैसला सुनाएगी। कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को पेश होने के लिए कहा था।

मामले में तात्काल फैसले की जरूरत को देखते हुए, चीफ जस्टिस यू. यू ललित ने 9 सितंबर को तत्काल सुनवाई करने का फैसला किया था और मामले को सोमवार के लिए सूचीबद्ध किया था। इस बीच, अदालत ने याचिकाकर्ता को प्रत्यारोपण से पहले आवश्यक आवश्यक मेडिकल टेस्ट के लिए मंजूरी दे दी थी। 

अदालत ने कहा, 'इस बीच याचिकाकर्ता खुद को संबंधित अस्पताल के सामने पेश कर सकता है, जो प्रारंभिक टेस्ट कर सकेंगे। इससे ये स्पष्ट हो सकता है कि क्या वह अंगदान कर सकता है और क्या वर्तमान मामले में अंग का दान संभव और स्वीकार्य होगा।' 

नाबालिग मांग रहा लीवर दान की इजाजत, क्या है पूरा मामला

दरअसल, 17 साल के नाबालिग लड़के ने अपने गंभीर रूप से बीमार पिता को लीवर दान करने की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले उसने उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य सचिव को इस संबंध में आवेदन दिया था पर वहां से कोई समाधान नहीं मिलने के बाद उसने कोर्ट का रूख किया। नाबालिग के पिता गंभीर रूप से बीमार हैं और उनकी जान बचाने अंगदान करके ही बचाई जा सकती है। 

इससे पहले 9 सितंबर को कोर्ट ने नाबालिग लड़के की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘याचिकाकर्ता (बेटा) अपने गंभीर रूप से बीमार पिता को लीवर दान करना चाह रहा है। हालांकि, इस मुद्दे से जुड़े कानून के तहत अंगदाता बालिग होना चाहिए।’ सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि 12 सितंबर तक नोटिस का जवाब दिया जाए। 

Web Title: Can 17 year-old minor boy donate liver to his father, Supreme Court verdict today

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