केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक, कोलकत्ता मेट्रो के नए कॉरिडोर की मंजूरी, 8,575 करोड़ होंगे खर्च, साइबर सिक्योरिटी पर भारत-जापान में करार
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 7, 2020 03:54 PM2020-10-07T15:54:58+5:302020-10-07T19:25:49+5:30
पीयूष गोयल ने कहा कि कोलकत्ता मेट्रो के नए कॉरिडोर की मंजूरी दी गई है। कोलकत्ता मेट्रो ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के लिए 8,575 करोड़ रुपये लिए मंजूर हुए हैं। गोयल ने कहा कि जमीन के कारण यह मामला लटका हुआ था।
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जापान के साथ एक सहयोग का करार हुआ है जिसमें साइबर सिक्योरिटी के आपसी ज्ञान, टेक्नोलॉजी का लेन-देन व सहयोग दोनों देशों में होगा।
पीयूष गोयल ने कहा कि कोलकत्ता मेट्रो के नए कॉरिडोर की मंजूरी दी गई है। कोलकत्ता मेट्रो ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के लिए 8,575 करोड़ रुपये लिए मंजूर हुए हैं। गोयल ने कहा कि जमीन के कारण यह मामला लटका हुआ था। राज्य सरकार और केंद्र मिलकर इस अड़चन को खत्म किया। यह 16.6 किलोमीटर लंबी होगी।
मंत्रिमंडल बैठक में नैचुरल गैस मार्केटिंग का सुधार किया गया, जो देश में गैस इकोनॉमी को बढ़ावा देगा। कनाडा के साथ एक MoU किया गया है। भारत का ज़ूलॉजिकल सर्वे और कनाडा की एक संस्था ने प्राणियों के ज़िनोम की बार्कोडिंग करने के लिए समझौता किया है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आने वाले ठंडी के दिनों में लोगों को सावधानी बरतनी होगी। कोरोना की कोई दवा नहीं है, वैक्सीन नहीं है। ऐसे में एक ही सुरक्षा कवच है-मास्क, सुरक्षित दूरी और बराबर हाथ धोना। यही त्री सूत्री बचाव है। कल से इसके लिए एक जनांदोलन शुरू होगा।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नेचुरल गैस मूल्य निर्धारण तंत्र को पारदर्शी बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने आज एक स्टैंडर्डाइज़्ड ई-बोली प्रक्रिया को मंजूरी दी। ई-बोली के लिए जल्द ही दिशानिर्देश बनाए जाएंगे। कई मुद्दे पर चर्चा की गई।
The total route length of the East-West Metro Corridor Project is 16.6 km consisting of 12 stations. The project will ease traffic congestion, enhance urban connectivity & provide a cleaner mobility solution to lakhs of daily commuters: Government of India https://t.co/v5LASojvn7
— ANI (@ANI) October 7, 2020
भारत और जापान के साथ सहयोग के लिए करार हुआ है. जिसमें साइबर सिक्योरिटी के लिए तकनीक का लेनदेन होगा। कैबिनेट ने सात कई घातक रसायनों के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी।
सहयोग समझौते (एमओसी) पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और जापान के बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक सहयोग समझौते (एमओसी) पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी। सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘भारत और जापान एक खुले, अंतर-संचालित, मुक्त, निष्पक्ष, सुरक्षित और विश्वसनीय साइबर स्पेस वातावरण और नवाचार, आर्थिक विकास और व्यापार तथा वाणिज्य के एक इंजन के रूप में इंटरनेट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो उनके संबंधित घरेलू कानूनों, अंतरराष्ट्रीय दायित्वों और उनकी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के अनुरूप होगा।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई थी, जिसमें इस समझौते को मंजूरी दी गई। सरकार का कहना है कि यह समझौता आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएगा, जिसमें अन्य बातों के साथ, साइबर स्पेस के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग, साइबर सुरक्षा खतरों और दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों के बारे में जानकारी साझा करना शामिल है।
इस समझौते को ऐसे समय में मंजूरी दी गई है जब चीन द्वारा भारत पर साइबर हमला किए जाने को लेकर आशंकाएं जताई जा रही हैं, खासकर भारत द्वारा चीन से संबंधित 100 से अधिक मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘इस समझौते में साइबर सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सर्वोत्तम अभ्यास, सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) बुनियादी ढांचे आदि की सुरक्षा के लिए साइबर खतरों को कम करने के लिए व्यावहारिक सहयोग की खातिर संयुक्त तंत्र का विकास करना शामिल है।’’
यह समझौता दोनों पक्षों की ओर से, संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में सहयोग, आईसीटी उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला की समग्रता के लिए सर्वोत्तम तरीकों को बढ़ावा देने, चर्चा एवं रणनीतियां साझा करने, सरकार से सरकार और व्यापार-से-व्यापार सहयोग के माध्यम से आईसीटी बुनियादी ढांचे की सुरक्षा को मजबूत करने, इंटरनेट गवर्नेंस मंचों में निरंतर संवाद और जुड़ाव और इन मंचों में दोनों देशों के सभी हितधारकों द्वारा सक्रिय भागीदारी के समर्थन की पुष्टि करता है।