CAA Protest: पवार ने कहा- केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही क्यों, श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 21, 2019 13:23 IST2019-12-21T13:04:17+5:302019-12-21T13:23:46+5:30
शरद पवार ने पुणे में कहा कि सीएए, एनआरसी देश के सामने मौजूद गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने के प्रयास हैं।अल्पसंख्यक ही नहीं, जो कोई भी देश की एकता एवं प्रगति के बारे में सोचता है वह सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहा है।

शरद पवार ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई की एसआईटी जांच कराने की मांग की।
सीएए, एनआरसी पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। एनसीपी प्रमुख पवार ने पुणे में कहा कि देश जल रहा है। मोदी सरकार शांत है।
शरद पवार ने पुणे में कहा कि सीएए, एनआरसी देश के सामने मौजूद गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने के प्रयास हैं।अल्पसंख्यक ही नहीं, जो कोई भी देश की एकता एवं प्रगति के बारे में सोचता है वह सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहा है।
पवार ने कहा कि सीएए देश की धार्मिक, सामाजिक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा व उसे आहत करेगा। सीएए के तहत, केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही क्यों शामिल किया गया और श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं। शरद पवार ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई की एसआईटी जांच कराने की मांग की।
NCP Chief Sharad Pawar: We will ask Maharashtra Chief Minister to form special investigation team (SIT) to properly investigate Bhima Koregaon case. pic.twitter.com/TFvCZOKS7c
— ANI (@ANI) December 21, 2019
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने राजग सरकार पर शनिवार को हमला बोला। उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) देश को त्रस्त कर रहे गंभीर मुद्दों से “ध्यान हटाने की चाल” है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “सीएए और एनआरसी देश के सामने खड़े गंभीर मुद्दों से ध्यान हटाने की चाल है।” उन्होंने कहा, “जो लोग न सिर्फ अल्पसंख्यक बल्कि जो कोई देश की एकता एवं प्रगति की चिंता करते हैं, वे सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। नया नागरिकता कानून देश की धार्मिक, समाजिक एकता और सौहार्द को बिगाड़ेगा।”
पवार ने पूछा कि संशोधित कानून के तहत केवल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को ही नागरिकता क्यों दी जाएगी और श्रीलंका के तमिलों को क्यों नहीं। पवार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बिहार समेत राजग के शासन वाले आठ राज्यों ने कानून को लागू करने से इनकार कर दिया है और महाराष्ट्र का भी रुख यही रहना चाहिए।
उन्होंने पूछा, “सीएए भले ही केंद्रीय कानून हो लेकिन इसको लागू राज्यों को करना है। लेकिन क्या राज्यों के पास ऐसा करने के लिए संसाधन एवं तंत्र है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एल्गार परिषद मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुणे पुलिस की कार्रवाई की भी एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में एसआईटी जांच कराने की मांग की।