CAA Protest: लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन में एक प्रदर्शनकारी की मौत, एक पुलिसकर्मी घायल

By स्वाति सिंह | Updated: December 19, 2019 20:22 IST2019-12-19T19:44:00+5:302019-12-19T20:22:30+5:30

नए नागरिकता कानून के खिलाफ राजधानी लखनऊ में हिंसा भड़क उठी। उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों को आग लगा दी जबकि संभल में दो सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया। असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह के मुताबिक 19 दिसंबर को किसी भी तरह के जमावड़े की अनुमति नहीं दी गई है।

CAA Protest: One protester killed in violent protest in Lucknow, a policeman injured | CAA Protest: लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन में एक प्रदर्शनकारी की मौत, एक पुलिसकर्मी घायल

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के मुताबिक 19 दिसंबर को किसी भी तरह के जमावड़े की अनुमति नहीं दी गई है। (file photo)

Highlightsहिंसक प्रदर्शन के बाद पुलिस ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता कानून के खिलाफ बृहस्पतिवार को हिंसक प्रदर्शन के दौरान घायल एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि हिंसा में एक पुलिसकर्मी भी घायल हुआ है। वहीं, पुलिस ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि स्थिति काबू में है और घबराने की कोई बात नहीं है। जिन लोगों ने उपद्रव किया, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है।

लखनऊ के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने कहा, ‘‘वीडियोग्राफी के जरिए जो लोग चिह्नित होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन लोगों ने नुकसान किया है, उसकी भरपाई उनसे कराई जाएगी।’’ कुछ निजी समाचार चैनलों और चार पहिया वाहनों एवं मीडियाकर्मियों के वाहनों को निशाना बनाया गया।

शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। उपद्रवियों ने पथराव किया, वाहनों में आग लगा दी, जबकि संभल में दो सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया। असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के मुताबिक 19 दिसंबर को किसी भी तरह के जमावड़े की अनुमति नहीं दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, इन्हीं उपद्रवियों से इसकी वसूली की जाएगी। इनकी संपत्ति को नीलाम करके वसूली की जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘उपद्रवियों से सख्ती से निपटेंगे। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। संभल और लखनऊ में हिंसा हुई। एक दर्जन वाहनों में आग लगाई गई।’ योगी ने कहा, ‘‘प्रदर्शन के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विपक्ष भ्रम के हालात पैदा कर रहा है। नागरिकता कानून किसी के खिलाफ नहीं है।’’

डीजीपी ने कहा, ‘‘पुलिस को राजधानी के मदेयगंज क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पडे़। करीब 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है।’’ शहर के अन्य कई हिस्सों में तनाव व्याप्त है। विशेषकर पुराने लखनऊ के मुस्लिम बहुल इलाकों में तनाव है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। हसनगंज क्षेत्र में पथराव कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पडे़।

कांग्रेस ने बताया कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को हिरासत में ले लिया गया है। वह नागरिकता कानून के खिलाफ परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। परिवर्तन चौक स्थित के डी सिंह बाबू स्टेडियम के मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिए गए हैं, क्योंकि पथराव कर रही भीड़ बड़ी संख्या में यहां जमा हो गई थी। भीड़ ने एक टीवी चैनल की ओबी वैन में तोड़फोड़ की और उसे कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया। विपक्षी सपा एवं कांग्रेस विधायकों ने विधान भवन में नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की।

सपा विधायक सुबह ही विधान भवन में एकत्र हो गए। हालांकि इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। सपा विधायकों ने सीएए के खिलाफ नारेबाजी की। उसी समय कांग्रेस विधायकों ने भी प्रदर्शन किया। सपा नेता चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के निकट एकत्र हुए और वहां नारेबाजी की। कांग्रेस विधायक भी निकट की सीढ़ियों पर प्रदर्शन कर रहे थे।

सपा का एक विधायक विरोध प्रकट करने के लिए मुख्य द्वार पर ही चढ़ गया। कांग्रेस के कुछ विधायक सड़क पर आये, लेकिन पुलिस की अनुमति नहीं मिलने पर वे वापस विधान भवन परिसर में चले गये। सदन में सपा विधायकों ने पुलिस की ज्यादती का मुद्दा उठाना चाहा। उनका कहना था कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने के उनके लोकतांत्रिक अधिकार का हनन किया जा रहा है। इस मुद्दे पर सपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया।

सपा नेताओं ने मंगलवार को सीएए, कानून-व्यवस्था, महिलाओं के प्रति अपराध सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर विधान भवन के बाहर प्रदर्शन किया। देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच राज्य पुलिस ने बुधवार को कहा था कि किसी को भी प्रदेश भर में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं है। संभल के जिलाधिकारी अविनाश के सिंह ने कहा, ‘‘जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं। यहां भीड़ ने एक बस को आग लगा दी, जबकि एक अन्य को क्षतिग्रस्त कर दिया।’’ उन्होंने बताया, ‘‘एक थाने पर भी प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। इंटरनेट सेवाएं एहतियात के तौर पर बंद की गयी हैं।’’

मऊ में भीड़ ने पथराव किया, जिसके बाद आरएएफ और पीएसी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। यहां भी इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गयी हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई शिक्षकों ने मौन जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं। कानून का विरोध कर रहे छात्रों का रविवार को पुलिस से संघर्ष हुआ था, जिसमें 60 लोग घायल हो गये थे।

प्रशासन ने विश्वविद्यालय को पांच जनवरी तक बंद कर दिया है। कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा, बसपा और कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है। मुसलमानों के कंधों को साजिश के तहत इस्तेमाल किया जा रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार में किसी को डरने की जरूरत नहीं है। हम किसी का अधिकार नहीं छीन रहे हैं।

समूचे देश में जिस तरह आग लगाने की कोशिश की जा रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष से आग्रह है कि लोगों विशेषकर छात्रों को गुमराह नहीं किया जाए। लखनऊ में कानून को हाथ लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’’ शर्मा ने कहा कि लोग सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएं, लोगों के बहकावे में नहीं आयें। आपके स्वाभिमान और सम्मान के लिए राज्य सरकार संकल्पित है।

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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