कानपुर में दंगों के दौरान मारे गये लोगों सहित सभी 13 उपद्रवियों को दंगाई माना जाएगा। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अनंत देव तिवारी ने शुक्रवार को बताया कि आगजनी, हत्या का प्रयास, हत्या, सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान, सरकारी डयूटी में विघ्न जैसी धाराएं लगाकर एक पृथक एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा में तीन युवकों की मौत हो गयी। सभी 13 उपद्रवियों के खिलाफ ये एफआईआर दर्ज की जाएगी। तिवारी ने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई, गोली लगने से हुई उन लोगों ने कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले रखी थी। उनकी गतिविधियां कैमरे में कैद हैं।
उन्होंने कहा कि तीन मौतें क्रास फायरिंग के कारण हुईं। पुलिस फायरिंग में ना तो कोई मारा गया और ना ही घायल हुआ। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को गोली लगी, उनका उपचार जिला प्रशासन ने कराया। डीआईजी ने कहा कि अब उनकी गतिविधियों के आधार पर समुचित धाराओं में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि कानपुर के उपद्रव की जांच के लिए एसआईटी :विशेष जांच टीम: बनायी गयी है जो उक्त दंगाइयों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करेगी और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी ।