नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ विरोध लगातार जारी है। इस बीच खबरें सामने आईं कि वहीं लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) में सीएए को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी है, जिस पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर हमला बोला है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'सीएए पर बहस आदि तो ठीक है लेकिन कोर्ट में इस पर सुनवाई जारी रहने के बावजूद लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा इस अतिविवादित व विभाजनकारी नागरिकता कानून को पाठ्यक्रम में शामिल करना पूरी तरह से गलत व अनुचित। बीएसपी इसका सख्त विरोध करती है तथा यूपी में सत्ता में आने पर इसे अवश्य वापस ले लेगी।'
न्यूज18 की खबर में सामने आया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र की हेड ऑफ डिपार्टमेंट शशि शुक्ला का कहना है कि सीएए को जल्द पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी चल रही है। इसके पीछे उन्होंने सम-सामयिक विषय बताया। विभाग एक पेपर तैयार करेगा और विषय भारतीय राजनीति में सम-सामयिक मुद्दा होगा। इसको लेकर अभी विचार किया जा रहा है और प्रस्ताव बोर्ड के पास भेजा जाएगा।
वाराणसी से मिली खबरों के अनुसार सीएए को वापस लेने की मांग को लेकर महिलाओं ने बेनियाबाग मैदान पर प्रदर्शन किया। तत्काल भारी संख्या में पुलिस बल वहां पहुंचा और महिलाएं एवं युवाओं से मैदान खाली कराया। आजमगढ़ के मुबारकपुर कस्बे के मोहल्ला हैदराबाद के कपूरा शाह दीवान की बाग में महिलाओं ने बुधवार को सीएए, एनआरसी और एनपीआर वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रशासन पूरी तरह एलर्ट है और स्थिति पर निगाह रखे हुए है। लखनऊ में महिलाएं और बच्चे पिछले शुक्रवार से प्रदर्शन कर रहे हैं। हाथ में तिरंगा और प्लेकार्ड लिये महिलाओं ने 'इंकलाब जिन्दाबाद' और 'सीएए-एनआरसी वापस लो' के नारे लगाये।