101 बकरों की कुर्बानी देकर शख्स ने मांगी ओवैसी की लंबी उम्र की दुआ, दर्ज हो गई FIR, जानिए पूरा मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 13, 2022 05:52 PM2022-02-13T17:52:00+5:302022-02-13T17:59:17+5:30

पेटा ने उस शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिसने हाल ही में उत्तर प्रदेश में कथिततौर पर हमले के शिकार हुए एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी की लंबी जिंदगी के लिए 101 बकरों की कुर्बानी दी थी।

By sacrificing 101 goats, the person prayed for Owaisi's long life, FIR registered, know the whole matter | 101 बकरों की कुर्बानी देकर शख्स ने मांगी ओवैसी की लंबी उम्र की दुआ, दर्ज हो गई FIR, जानिए पूरा मामला

101 बकरों की कुर्बानी देकर शख्स ने मांगी ओवैसी की लंबी उम्र की दुआ, दर्ज हो गई FIR, जानिए पूरा मामला

Highlightsहैदराबाद के मदनपेट कॉलोनी स्थित बाग-ए-जहांआरा में 101 बकरों की कुर्बानी दी गईआरोपी शख्स का मानना था कि बकरों की कुर्बानी से ओवैसी को लंबी उम्र मिलेगी पेटा के मुताबिक कोई व्यक्ति जानबूझकर सार्वजनिकतौर पर पशुओं की कुर्बानी नहीं दे सकता है

हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की लंबी जिंदगी के लिए दुआ मांगना एक शख्स को उस समय भारी पड़ गया जब उसके खिलाफ पशु अधिकार संगठन 'पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स' (पेटा) ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

जानकारी के मुताबिक पेटा ने उस शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिसने हाल ही में उत्तर प्रदेश में कथिततौर पर हमले के शिकार हुए एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी की लंबी जिंदगी के लिए 101 बकरों की कुर्बानी दी थी।

पेटा ने इस मामले में जानकारी मिलने के बाद हैदराबाद पुलिस में धारा 4 और 5 (बी), तेलंगाना पशु और पक्षी बलिदान निषेध अधिनियम और धारा 3, 11 (1) (ए), 11 (1) (एल) के तहत मामला दर्ज कराया है। खबरों के मुताबिक बीते 6 फरवरी को हैदराबाद के मदनपेट कॉलोनी स्थित बाग-ए-जहांआरा में इन 101 बकरों की कुर्बानी दी गई।

पेटा इंडिया की ओर दी गई शिकायत में कहा कि तेलंगाना पशु और पक्षी बलिदान निषेध अधिनियम, 1950 की धारा 5 (बी) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जानबूझकर किसी भी सार्वजनिक स्थान पर ऐसे किसी भी पशु की कुर्बानी नहीं दे सकता है। इसके साथ ही  धारा 4 में इस बात की व्याख्या की गई है कि किसी को भी किसी भी इस तरह से कुर्बानी का प्रदर्शन करना या सार्वजनिक जगह पर इसे किया जाना प्रतिबंधित होता है और धारा 8 के तहत इसके लिए सजा का प्रावधान बनता है।

पेटा अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन में मांस के लिए जानवरों की कुर्बानी के संबंध में कहा गया है कि मांस के लिए जानवरों को केवल आधिकारिक रूप से लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में ही काटा जा सकता है। और इसके लिए संबंधित जिला प्रशासन जिम्मेदार है कि सार्वजनिक जगहों पर कुर्बानी या हिंसा का प्रदर्शन को रोके और इसके खिलाफ सख्त कदम उठाये।

सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम (वधशाला) नियम, 2001 और खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य व्यवसायों का लाइसेंस और पंजीकरण) विनियम 2011 के तहत केवल लैस लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों को ही भोज्य मांस के लिए जानवरों के वध की अनुमति दी गई है।

पेटा के अनुसार गुजरात, केरल, पुडुचेरी और राजस्थान में पहले से ही इस तरह के कानून लागू हैं जो किसी भी मंदिर या उसके परिसर में जानवरों के धार्मिक बलिदान को प्रतिबंधित करते हुए उसे गौर-कानूनी बनाते हैं। इसी तरह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में भी सार्वजनिक स्थलों और धार्मिक पूजा की जगहों पर इस तरह के कार्यों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बने हुए हैं। 

Web Title: By sacrificing 101 goats, the person prayed for Owaisi's long life, FIR registered, know the whole matter

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