ब्रिटिश विदेश सचिव ने उठाया बीबीसी का मुद्दा, एस जयशंकर बोले- कानून सबको मानना होगा
By शिवेंद्र राय | Published: March 1, 2023 07:50 PM2023-03-01T19:50:22+5:302023-03-01T20:03:51+5:30
बुधवार, 1 मार्च को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने मुलाकात की। इस दौरान ब्रिटिश विदेश सचिव ने हाल ही में बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों पर आयकर विभाग की कार्रवाई का मुद्दा उठाया।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर
नई दिल्ली: भारत में इस समय जी-20 सम्मेलन को लेकर तैयारियां जोरो पर हैं। इसी सिलसिले में ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली भारत आए हुए हैं। जेम्स क्लेवरली भारत में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए हैं। बुधवार, 1 मार्च को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने मुलाकात की।
रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान ब्रिटिश विदेश सचिव ने हाल ही में बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों पर आयकर विभाग की कार्रवाई का मुद्दा उठाया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जेम्स क्लेवरली को इसका सख्त लहजे में जवाब दिया और कहा कि भारत में काम करने वाली सभी संस्थाओं को यहां के कानूनों का पूरी तरह से पालन करना होगा।
पिछले महीने ही आयकर विभाग ने टैक्स में गड़बड़ी, मुनाफे के डायवर्जन और गैर-अनुपालन के आरोप में बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ्तरों पर सर्वे की कार्रवाई की थी। आयकर विभाग की कार्रवाई लगातार तीन दिनों तक चली थी। हालांकि इस कार्रवाई से भारत का राजनीतिक माहौल भी गर्म रहा और विपक्ष ने इसे मीडिया की आवाज बंद करने वाला फासीवादी तरीका बताया। कांग्रेस समेत कई दलों के नेताओं ने ये आरोप लगाया कि बीबीसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित जो डॉक्यूमेंट्री बनाई थी उसी का बदला लेने के लिए ये कार्रवाई की।
हालांकि सर्वे के बाद आयकर विभाग की तरफ से बयान जारी कर के कहा गया कि कार्रवाई के दौरान कई साक्ष्य पाए गए हैं जो यह दर्शाता है कि कुछ कर का भुगतान नहीं किया गया है. आयकर विभाग ने यह भी आरोप लगाया है कि सर्वे में ट्रांसफर प्राइसिंग डॉक्यूमेंटेशन में कई विसंगतियां सामने आई हैं।
बीबीसी दफ्तर पर आयकर विभाग की कार्रवाई पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी बयान जारी कर गहरी चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि सरकार की आलोचना करने वाले निशाने पर हैं। बीबीसी मामले को लेकर भारतीय संसद में भी हंगामा हुआ था और ब्रिटेन की सरकार ने भी कहा था कि हमारी मामले पर नजर है।