देशभर में अलग-अलग जगहों पर लगातार भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं। इसी बीच सोमवार को नागालैंड के लोंगलेंग जिले में भूकंप के झटके महसूस किये गये। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक यह भूकंप सुबह 8 बजकर 32 मिनट पर आया। एनसीएस के मुताबिक इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई। बता दें कि खबर लिखे जाने तक इस भूकंप से कोई हताहत की खबरें सामने नहीं आयी है।
बता दें कि जुलाई के महीने में देशभर में अलग-अलग जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किये थे। मिजोरम, दिल्ली-एनसीआर और गुजरात समेत कई राज्यों में पिछले कई महीनों से लगातार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। आइए जानते हैं कब और कहां महसूस किये गये भूकंप के झटके...
मिजोरम में 9 जुलाई को आये थे 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके
मिजोरम में 9 जुलाई को 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके भारत-म्यामां सीमा पर स्थित चंफाई जिले में मुख्य रूप से महसूस किए गए थे। तीन सप्ताह में पूर्वोत्तर के इस पहाड़ी राज्य में भूकंप के यह झटके आठवीं बार महसूस किए गए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र के अनुसार अपराह्न दो बज कर 28 मिनट पर आए भूकंप का केन्द्र चंफाई शहर से 23किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में था। भूकंप का केन्द्र जमीन के नीच 10 किलोमीटर था।
गुजरात और मिजोरम में दो बार महसूस किए गए भूकंप के झटके (5 जुलाई 2020)
गुजरात और मिजोरम में रविवार शाम 20 मिनट के अंतराल पर मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके दो बार महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने यह जानकारी दी। गांधीनगर के भारतीय भूगर्भ विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आईएसआर) के अधिकारी ने कहा कि गुजरात के कच्छ जिले में रविवार शाम पांच बजकर 11 मिनट पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र भचाऊ से करीब 14 किलोमीटर दूर था। अधिकारी ने बताया कि उससे पहले दोपहर को एक बजकर 50 मिनट से लेकर चार बजकर 32 मिनट तक 1.8, 1.6, 1.7 और 2.1 तीव्रता के चार हल्के झटके महसूस किए गए थे।
आईएसआर गुजरात सरकार के तहत आने वाला संस्थान है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाले एनसीएस ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 3.9 थी। इसी क्षेत्र में 14 जून को 5.3 तीव्रता का भूकंप आया था जिसे पूरे सौराष्ट्र क्षेत्र में महसूस किया गया था और लोग अपने घरों से बाहर आ गये थे। कच्छ जिला भूकंपीय क्षेत्र के बहुत उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में आता है और वहां नियमित तौर कम तीव्रता के झटके आते रहे हैं। 2001 में आया भूकंप पिछले दो सदियो में भारत का तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे ज्यादा विनाशकारी भूकंप था।
अलवर में 4.7 तीव्रता का भूकंप, दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में महसूस किए गए झटके (3 जुलाई 2020)
राजस्थान के अलवर जिले को 3 जुलाई को 4.7 तीव्रता के भूकंप ने हिलाकर रख दिया जिसके झटके दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप शाम सात बजे महसूस किया गया जो राजस्थान के अलवर जिले में 35 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.7 मापी गई। भूकंप के झटके दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में भी महसूस किए गए जिससे लोगों में दहशत फैल गई। जानमाल के नुकसान की तत्काल कोई खबर नहीं है। अप्रैल से लेकर अब तक दिल्ली और इसके आसपास 20 बार भूकंप आ चुका है जिनमें से दो की तीव्रता 4 से ऊपर थी। विभिन्न भूकंप का इतिहास बताता है कि दिल्ली-एनसीआर में 1720 में दिल्ली में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था। मथुरा में सन 1803 में 6.8 तीव्रता, सन 1842 में मथुरा के पास 5.5 तीव्रता, बुलंदशहर के पास 1956 में 6.7 तीव्रता, फरीदाबाद में 1960 में 6 तीव्रता और मुरादाबाद के पास 1966 में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था। दिल्ली-एनसीआर की पहचान दूसरे सर्वाधिक भूकंपीय खतरे वाले क्षेत्र के रूप में की गई है।