बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोविंद पानसरे हत्याकांड की जांच एसआईटी से लेकर महाराष्ट्र एटीएस को सौंपा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 8, 2022 06:29 PM2022-08-08T18:29:14+5:302022-08-08T18:34:40+5:30
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गोविंद पानसरे हत्याकांड की तहकीकात एसआईटी से लेकर महाराष्ट्र एटीएस को सौंप दिया है। कोर्ट ने कहा पानसरे हत्याकांड में एसआईटी को पर्याप्त समय दिया गया लेकिन उसका कोई रिजल्ट नहीं निकला।
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या की तहकीकात एसआईटी से लेकर महाराष्ट्र एटीएस को सौंप दी है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में महाराष्ट्र एसआईटी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सीआईडी साल 2015 में हुई गोविंद पानसपे की हत्या की जांच में अभी तक किसी भी सफलता का एक भी सबूत नहीं पेश कर सकी है इसलिए मामले को को महाराष्ट्र एटीएस को सौंपा जाता है।
इस संबंध में सोमवार को जारी हुए कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि पानसरे की हत्या की जांच इसलिए एटीएस को ट्रांसफर किया जा रहा है ताकि वो अलग एंगल से इस मामले को परख सके। इससे पहले कोर्ट पानसरे हत्याकांड में एसआईटी को पर्याप्त समय दे चुकी है, लेकिन उसका कोई रिजल्ट नहीं निकला। इसलिए यह आवश्यक है कि जांच को तार्किक तरीके से आगे ले जाने के लिए यह मामला एटीएस को सौंपा जाए ताकि अपराधियों को पकड़ा जा सके।"
बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस शर्मिला देशमुख की बेंच ने आदेश गोविंद पानसरे के परिवार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। इस मामले में हाईकोर्ट ने ही साल 2015 में एसआईटी के गठन का आदेश दिया था। जिसके बाद कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी लेकिन असली कातिल अब भी सलाखों से आजाद होकर घूम रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक पिछले महीने गोविंद पानसरे के परिवार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके कोर्ट से मामले की जांच एसआईटी से एटीएस को ट्रांसफर किये जाने की मांग की थी। एसआईटी ने पानसरे हत्यकांड की जांच करते हुए साल 2018 में पालघर के नालासोपारा से कुछ संदिग्धों को पकड़ा गया था, जिन्हें कथित तौर पर गोविंद पानसरे, नरेंद्र दाभोलकर, एमएम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या में शामिल बताया गया था। लेकिन एसआईटी जांच में आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले थे।
हाईकोर्ट में जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस शर्मिला देशमुख की बेंच ने पानसरे परिवार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसआईटी ने कदम उठाए हैं लेकिन उसके बाद भी जांच में कोई बड़ी प्रगति नहीं मिली है। एसआईटी के अधिकारियों के प्रयासों के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है।"
बेंच ने कहा, "हाईकोर्ट साल 2016 से पानसरे हत्याकांड की निगरानी कर रहा है। एसआईटी ने हत्यारों को पकड़ने के लिए उठाए गए कार्रवाई की रिपोर्ट नियमित तौर से जमा कर रही है लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हत्यारे आज तक फरार हैं।"
हाईकोर्ट ने ने अपने आदेश में एटीएस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को इस मामले में फौरन एक टीम गठित करते हुए जांच को अपने हाथ में लेने का आदेश दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एटीएस को आदेश दिया कि वो टीम में कुछ एसआईटी अधिकारियों को भी शामिल करें, जो इस केस से जुड़े हुए हैं।
हाईकोर्ट ने गोविंद पानसरे हत्याकांड की सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 अगस्त तय की है और उस तारीख को एटीएस के एडीजी को कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। मालूम हो कि अज्ञात हत्यारों ने कोल्हापुर में 15 फरवरी 2015 को गोविंद पानसरे को गोली मार दी थी, अस्पताल में जीवन और मौत के बीच संघर्ष करते हुए पानसरे ने 20 फरवरी को दम तोड़ दिया था। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)