पुणे बीपीओ सामूहिक बलात्कार मामला: हाईकोर्ट ने दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदली
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 29, 2019 12:58 PM2019-07-29T12:58:10+5:302019-07-29T12:58:10+5:30
दोषियों पुरुषोत्तम बोराटे और प्रदीप कोकडे को 24 जून को फांसी दी जानी थी लेकिन उच्च न्यायालय ने 21 जून को कहा था कि उनके अगले आदेश तक सजा पर अमल नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति बी पी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति स्वप्ना जोशी ने दोषियों द्वारा उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की याचिका को स्वीकार किया।
पुणे बीपीओ सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को दोनों दोषियों की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी।
दोषियों पुरुषोत्तम बोराटे और प्रदीप कोकडे को 24 जून को फांसी दी जानी थी लेकिन उच्च न्यायालय ने 21 जून को कहा था कि उनके अगले आदेश तक सजा पर अमल नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति बी पी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति स्वप्ना जोशी ने दोषियों द्वारा उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की याचिका को स्वीकार किया।
अदालत ने कहा, ‘‘ उनकी सजा कम कर दी गई है।’’ दोषियों के वकील युग चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि अदालत ने दोनों के जेल में बिताए समय को ध्यान में रखते हुए आदेश में कहा कि उन्हें 35 वर्ष जेल में बिताने होंगे। सुनवाई अदालत ने 2012 में दोनों को दोषी ठहराते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
Bombay High Court commutes death sentences of two convicts on the ground of unprecedented delay in execution, in rape and murder case of a BPO employee in Pune in 2007. pic.twitter.com/Y7dTY1x9l0
— ANI (@ANI) July 29, 2019
यह घटना 2007 की है, जब दोनों ने बीपीओ की एक कर्मचारी का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी थी।