Black money: स्विस बैंक में हैं किन भारतीयों का खाता, भारत सरकार को मिली दूसरी लिस्ट
By गुणातीत ओझा | Published: October 9, 2020 06:02 PM2020-10-09T18:02:34+5:302020-10-09T19:04:39+5:30
स्विस बैंक ने भारत सरकार को सूचना संधि के स्वत: आदान-प्रदान के तहत अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खाते के डिटेल्स की दूसरी लिस्ट दी है।
स्विस बैंक ने भारत सरकार को सूचना संधि के स्वत: आदान-प्रदान के तहत अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खाते के डिटेल्स की दूसरी लिस्ट दी है। इस लिस्ट के मिलके बाद भारत सरकार को विदेशों में कथित रूप से काले धन के खिलाफ लड़ाई को बल मिलेगा। स्विटजरलैंड ने कहा है कि 86 देशों के साथ 31 लाख वित्तीय खातों के बारे में जानकारी साझा की गई है। भारत उन 86 देशों में शामिल है, जिनके साथ स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने इस साल AEOI पर वैश्विक मानकों के ढांचे के भीतर वित्तीय खातों की जानकारी का आदान-प्रदान किया है।
एफटीए ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि भारत को AEOI (सूचना का स्वचालित विनिमय) के तहत सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड से विवरण का पहला सेट मिला था, जब इसमें 75 देश शामिल थे। इस साल सूचना के आदान-प्रदान में लगभग 3.1 मिलियन (31 लाख) वित्तीय खाते शामिल थे। हालांकि वक्तव्य में स्पष्ट रूप से भारत का नाम नहीं था। अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि भारत उन प्रमुख देशों में से है, जिनके साथ स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों के ग्राहकों और विभिन्न अन्य वित्तीय संस्थानों के वित्तीय खातों के बारे में विवरण साझा किया है।
बता दें कि इससे पहले स्विटजरलैंड ने सितंबर 2019 में भारत समेत 75 देशों के साथ जानकारी साझा की थी। काले धन से लड़ने की दिशा में एक बड़े कदम के तौर पर भारत को स्विस बैंक में उसके नागरिकों की जानकारी दी थी। एफटीए ने शुक्रवार को एक बयान में कहा इस साल सूचना के आदान-प्रदान में लगभग 31 लाख वित्तीय खाते शामिल हैं। वर्ष 2019 में भी करीब इतने ही खातों की जानकारी दी गई थी। हालांकि, बयान में 86 देशों के बीच भारत के नाम का अलग से उल्लेख नहीं था, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि भारत उन प्रमुख देशों में है, जिनके साथ स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों के ग्राहकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के वित्तीय खातों के बारे में विवरण साझा किया है।
अधिकारियों ने आगे कहा कि इस साल 86 देशों के साथ स्विट्जरलैंड ने 30 लाख से अधिक वित्तीय खातों के बारे में जानकारी साझा की है और इसमें एक ‘‘बड़ी संख्या’’ भारतीय नागरिकों और संस्थाओं से संबंधित है। उन्होंने कहा कि स्विस अधिकारियों ने भारत के अनुरोध पर पिछले एक साल में 100 से अधिक भारतीय नागरिकों और संस्थाओं के बारे में जानकारी साझा की है, जिनके खिलाफ कर चोरी और वित्तीय गड़बड़ियों की जांच चल रही थी। ये मामले ज्यादातर पुराने खातों से संबंधित हैं, जो 2018 से पहले बंद हो चुके हैं। एईओआई केवल उन खातों पर लागू होता है, जो 2018 के दौरान सक्रिय थे या इस बीच बंद किए गए।
इनमें से कुछ मामले भारतीयों द्वारा पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और केमैन आइलैंड जैसे स्थानों की संस्थाओं में जमा धन से संबंधित हैं। इनमें से ज्यादातर व्यापारी हैं, जबकि कुछ राजनेता और उनके परिजन भी शामिल हैं। अधिकारियों ने हालांकि गोपनीयता का हवाला देते हुए भारतीयों के मौजूदा खातों की संख्या या इनमें जमा धनराशि के बारे में ब्यौरा देने से इनकार किया। स्विस अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी में पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी शामिल है।
इन जानकारी से कर अधिकारियों को यह पता करने में मदद मिलेगी कि क्या करदाताओं ने कर रिटर्न में अपने वित्तीय खातों के बारे में सही जानकारी दी है। इस तरह का अगला आदान-प्रदान सितंबर 2021 में होगा। स्विट्जरलैंड का पहला ऐसा आदान-प्रदान सितंबर 2018 के अंत में हुआ और इसमें 36 देश शामिल थे। उस समय भारत इस सूची में शामिल नहीं था। इस समय लगभग 8,500 वित्तीय संस्थान (बैंक, ट्रस्ट, बीमाकर्ता, आदि) एफटीए के साथ पंजीकृत हैं। ये संस्थाएं आंकड़े जमा करके एफटीए को देती हैं।