नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल राज्यसभा में सदन के नेता होंगे। थावरचंद गहलोत का स्थान लेंगे। भाजपा ने यह फेरबदल किया। राज्यसभा में गोयल की सीट पीएम मोदी के साथ होगी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को राज्यसभा में सदन का नेता नियुक्त किया गया है। वह थावरचंद गहलोत की जगह लेंगे जिन्हें कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि संसदीय कार्य मंत्रालय ने राज्यसभा सचिवालय को सूचित किया है कि गोयल सदन के नेता होंगे।
राज्यसभा के दो बार के सदस्य गोयल वर्तमान में उच्च सदन में राजग के उप-नेता हैं और वह केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य भी हैं। उनके पास वाणिज्य और उद्योग, खाद्य एवं उपभोक्ता तथा कपड़ा मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों का दायित्व है। वर्ष 2014 में मंत्री बनने से पहले गोयल पार्टी के कोषाध्यक्ष थे। वह भाजपा की चुनाव प्रबंधन गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया था। 73 वर्षीय गहलोत अभी केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री का दायित्व निभा रहे थे। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा, अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तथा केंद्रीय मंत्रियों ने संसद के आगामी मॉनसून सत्र से जुड़े विषयों पर चर्चा करने और विपक्ष का मुकाबला करने को लेकर पार्टी की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को एक बैठक की। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन सहित अन्य मंत्री बैठक में उपस्थित
उन्होंने बताया कि बैठक केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई, जो एक घंटे से अधिक समय तक चली। संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होने का कार्यक्रम है और कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद यह पहला सत्र होगा। दूसरी लहर पहली लहर से ज्यादा भयावह थी। विपक्ष द्वारा यह मुद्दा उठाकर सरकार को घेरे जाने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और मुख्तार अब्बास नकवी तथा केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन सहित अन्य मंत्री बैठक में उपस्थित थे।
उनके अलावा, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी बैठक में शरीक हुए। सूत्रों ने बताया कि भाजपा नेताओं ने आगामी सत्र के लिए संसद में पार्टी की रणनीति पर और पूरक अनुदान मांगों और महत्वपूर्ण विधेयकों का पारित होना सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की शिकस्त के बाद विपक्ष के हौसले बुलंद हैं और वह कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जुड़े मुद्दे उठाने की योजना बना रहा है। वहीं, भगवा पार्टी अपनी रणनीति को और सुदृढ़ करना चाहती है ताकि वह विपक्ष का कारगर तरीके से मुकाबला कर सके। लोकसभा में करीब 17 विधेयक पेश किये जाने के लिए सूचीबद्ध हैं जिनमें पांच विधेयक विचारार्थ और पारित करने के लिए हैं। वहीं राज्य सभा में समान संख्या में विधेयक पेश किये जाने की उम्मीद है।