लाइव न्यूज़ :

अभूतपूर्व चुनौतियों से घिर चुकी है भाजपा, अवधेश कुमार का ब्लॉग

By अवधेश कुमार | Updated: June 26, 2021 16:46 IST

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के नेता दावा करते कि भाजपा के अनेक विधायक, सांसद और नेता हमारे संपर्क में हैं और वे शीघ्र पार्टी में शामिल होंगे

Open in App
ठळक मुद्देमुकुल राय को तृणमूल से लाकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, वे पार्टी छोड़ कर चले गए.भाजपा न उनको रोक सकी और न ठीक प्रकार से प्रतिवाद कर रही है. कर्नाटक में मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा के खिलाफ असंतोष सिर से ऊपर जाता दिखा तो केंद्र से अरुण सिंह को भेजना पड़ा.

केंद्र की भाजपा इस समय जिन विकट परिस्थितियों और कठिन चुनौतियों से घिरी है, कुछ महीनों पूर्व तक उसकी कल्पना नहीं थी.

आप सोचिए, सामान्य परिस्थितियों में अगर प. बंगाल की मुख्यमंत्नी ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के नेता दावा करते कि भाजपा के अनेक विधायक, सांसद और नेता हमारे संपर्क में हैं और वे शीघ्र पार्टी में शामिल होंगे तो भाजपा का प्रत्युत्तर कैसा होता? मुकुल राय को तृणमूल से लाकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया, वे पार्टी छोड़ कर चले गए.

भाजपा न उनको रोक सकी और न ठीक प्रकार से प्रतिवाद कर रही है. यह मुद्रा भाजपा के चरित्न के विपरीत है. कर्नाटक में मुख्यमंत्नी बी. एस. येदियुरप्पा के खिलाफ असंतोष सिर से ऊपर जाता दिखा तो केंद्र से अरुण सिंह को भेजना पड़ा. यह नौबत आनी ही नहीं चाहिए थी.

उत्तर प्रदेश में केंद्रीय नेतृत्व द्वारा स्पष्ट संकेत देने के बावजूद कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा, उपमुख्यमंत्नी केशव प्रसाद मौर्य कह रहे हैं कि नेतृत्व का फैसला केंद्र करेगा. कई अन्य पार्टियों के लिए यह सामान्य घटना हो सकती है लेकिन वर्तमान भाजपा के लिए नहीं.  तो यह विचार करना पड़ेगा कि कल तक जीवंत और प्रखर पार्टी के अंदर क्या हुआ?  

सच कहा जाए तो मार्च तक सरकार और पार्टी दोनों स्तरों पर निश्चिंतता का माहौल था. नेतृत्व मान चुका था कि लंबे समय तक बड़ी राजनीतिक चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. लेकिन कोरोना के पुनरावृत्त प्रकोप तथा बंगाल चुनाव परिणाम ने नेतृत्व, सरकार और पार्टी को लेकर आम जन के साथ समर्थकों के भीतर भी धारणा, मनोविज्ञान एवं व्यवहार के स्तर पर बहुत कुछ बदल दिया है. कोरोना संकट के समय स्वास्थ्य ढांचे की जो विकृत तस्वीर उभरी उसने  सरकार की छवि को आघात पहुंचाया है. कुछ बातें साफ दिखती हैं.

मसलन, प. बंगाल में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद क्या होगा इसका आकलन पार्टी ने नहीं किया. जब आकलन नहीं किया तो उसके प्रत्युत्तर की तैयारी भी नहीं की गई. दूसरे, कोरोना फिर हमला कर सकता है इसके बारे में तो पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता लेकिन स्वास्थ्य सेवा प्रबंधन और राजनीतिक प्रबंधन की तैयारी होनी चाहिए थी.

अगर आपने पूर्वानुमान नहीं लगाया कि परिस्थितियां कठिन या विपरीत होने पर विरोधी पूरी शक्ति से हमलावर होंगे तो इसे साधारण चूक नहीं माना जा सकता. आज की स्थिति में दलीय और गैरदलीय विरोधियों के अंदर यह विश्वास मजबूत हुआ है कि संगठित अभियान जारी रखें तो भाजपा को विचलित और पराजित किया जा सकता है. अगर विरोधियों का आत्मविश्वास मजबूत हो तो फिर मुकाबला करना अत्यंत कठिन हो जाता है.

टॅग्स :उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावभारतीय जनता पार्टीपश्चिम बंगालममता बनर्जीनरेंद्र मोदीकेशव प्रसाद मौर्याअमित शाहजेपी नड्डालखनऊ
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेपाकिस्तानी महिला ने पीएम मोदी से लगाई मदद की गुहार, पति के दिल्ली में दूसरी शादी करने का किया दावा

भारतगोवा के नाइट क्लब में भीषण आग, 25 लोगों की गई जान; जानें कैसे हुआ हादसा

भारतGoa Fire: गोवा नाइट क्लब आग मामले में पीएम ने सीएम सावंत से की बात, हालातों का लिया जायजा

भारतगोवा अग्निकांड पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुख, पीड़ितों के लिए मुआवजे का किया ऐलान

क्रिकेटपुडुचेरी ने बंगाल को 96 पर किया आउट, मोहम्मद शमी को जमकर कूटा, 24 गेंद में 34 रन, 81 से हार

भारत अधिक खबरें

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया पटना डेयरी प्रोजेक्ट, सुधा का निरीक्षण, एमडी शीर्षत कपिल अशोक ने दी डेयरी की उपलब्धि की जानकारी

भारतGoa Club Fire: गोवा समेत दुनिया भर में नाइट क्लब की आग में जली कई जिंदगियां, जानें

भारतबिहार में जहां खून से लाल होती थी धरती, वहां फूलों की खेती से महक उठा है इलाका, लाखों कमा रहे हैं किसान

भारतUP: टॉफी ने ले ली दो साल के बच्चे की जान, गले में अटक गई थी टॉफी, दम घुटने से नहीं बच सका बच्चा

भारतAadhaar Biometric Lock: स्कैमर्स कभी नहीं कर पाएंगे आधार कार्ड का मिस यूज, मिनटों में लॉक करें अपना आधार