महबूबा मुफ्ती के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर दिए बयान को लेकर भाजपा का पलटवार, कहा- 'उनका ट्रैक रिकॉर्ड...'
By मनाली रस्तोगी | Published: July 25, 2022 05:11 PM2022-07-25T17:11:27+5:302022-07-25T17:14:03+5:30
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेकर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को ट्वीट किया था। वहीं, अब भाजपा ने मुफ्ती के ट्वीट को लेकर उनकी आलोचना की।
नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसमें देश के संविधान को "रौंदा गया" क्योंकि उन्होंने "भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के राजनीतिक मकसदों को पूरा किया।" वहीं, अब भाजपा ने मुफ्ती के इस बयान पर उनकी आलोचना की।
She is demeaning the outgoing President. This isn't surprising as her track record has always been like this. Removal of Article 370 &35A was a long-standing demand of Kashmiris: BJP leader Shehzad Poonawalla on PDP chief Mehbooba Mufti's tweet on former President Ram Nath Kovind pic.twitter.com/oxBf6zd5IZ
— ANI (@ANI) July 25, 2022
ऐसे में भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "वह निवर्तमान राष्ट्रपति को नीचा दिखा रही हैं। यह आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि उनका ट्रैक रिकॉर्ड हमेशा से ऐसा ही रहा है। अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाना कश्मीरियों की लंबे समय से मांग थी।" बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
The outgoing President leaves behind a legacy where the Indian Constitution was trampled upon umpteenth times. Be it scrapping of Article 370,CAA or the unabashed targeting of minorities & Dalits, he fulfilled BJPs political agenda all at the cost of the Indian Constitution.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 25, 2022
मुर्मू के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, "निर्वतमान राष्ट्रपति अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़कर जा रहे हैं, जिसमें भारतीय संविधान को कई बार रौंदा गया। चाहे वह, अनुच्छेद 370, सीएए (संशोधित नगारिक कानून) को रद्द करना हो या अल्पसंख्यकों तथा दलितों को बेधड़क निशाना बनाना, उन्होंने भारतीय संविधान की कीमत पर भाजपा के राजनीतिक मकसदों को पूरा किया।"