राज्यसभा चुनाव में BJP ने खेला गेम, अल्पेश ठाकोर की पार्टी में एंट्री की राह हुई कठिन?

By महेश खरे | Published: June 27, 2019 07:55 AM2019-06-27T07:55:40+5:302019-06-27T07:55:40+5:30

अल्पेश के मामले में जो गलती कांग्रेस ने की, उससे सबक लेकर ही भाजपा आगे बढ़ना चाहती है. कम समय में अधिक गेन करने की महत्वाकांक्षा के साथ अल्पेश ने कांग्रेस से खूब मान मनौव्वल करवाई. इससे कांग्रेस में सालों से जमे नेताओं को भी अपनी भूमिका प्रभावित होने का अंदेशा नजर आने लगा.

BJP played games in Rajya Sabha elections, it is difficult for entry of Alpesh Thakore in party? | राज्यसभा चुनाव में BJP ने खेला गेम, अल्पेश ठाकोर की पार्टी में एंट्री की राह हुई कठिन?

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Highlightsठाकोर समाज के चेहरे जुगल ठाकोर को राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने को सियासी गलियारों में भाजपा का एक चतुराई से भरा कदम माना जा रहा है. पाटीदार समाज के बाद राज्य में संख्याबल के हिसाब से ठाकोर समाज का अहम स्थान है. कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा के दरवाजे पर जा बैठे हैं.

ठाकोर समाज के चेहरे जुगल ठाकोर को राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने को सियासी गलियारों में भाजपा का एक चतुराई से भरा कदम माना जा रहा है. क्या अब एक अन्य ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के भाजपा प्रवेश की राह कठिन हो गई है, यह सवाल भी पूछा जा रहा है. गुजरात के ओबीसी समाज में पैठ बनाने की दिशा में भाजपा का यह कदम एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा ही है.

पाटीदार समाज के बाद राज्य में संख्याबल के हिसाब से ठाकोर समाज का अहम स्थान है. ठाकोर ओबीसी के हिस्सेदार हैं और भाजपा विभिन्न समाजों के प्रभावी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर कदम बढ़ा रही है. 6 जुलाई से 11 अगस्त तक तो वाकायदा अभियान भी छेड़ा जाएगा. लेकिन एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि भाजपा अल्पेश ठाकोर को पार्टी में शामिल करने में आखिर इतना विलंब क्यों करवा रही है?

कांग्रेस की गलती नहीं दोहराएगी भाजपा

अल्पेश के मामले में जो गलती कांग्रेस ने की, उससे सबक लेकर ही भाजपा आगे बढ़ना चाहती है. कम समय में अधिक गेन करने की महत्वाकांक्षा के साथ अल्पेश ने कांग्रेस से खूब मान मनौव्वल करवाई. इससे कांग्रेस में सालों से जमे नेताओं को भी अपनी भूमिका प्रभावित होने का अंदेशा नजर आने लगा. नतीजतन आंतरिक गुटबाजी बढ़ी और अल्पेश का लाभ मिलने के स्थान पर कांग्रेस के हिस्से में घाटा ही ज्यादा आ पाया.

अब मंत्री पद की महत्वाकांक्षा में अल्पेश

कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा के दरवाजे पर जा बैठे हैं. ओबीसी का अब एक और चेहरा भाजपा में जुगलभाई ठाकोर का कद बढ़ाने के पीछे एक वजह भविष्य में अल्पेश के सामने उनके समाज का ही एक बड़ा और ताकतवर चेहरा उपस्थित कर देना है. जुगल ठाकोर स्वयं समाज के ऐसे परिवार से आते हैं, जो भामाशाह की भूमिका में रहा है. राज्यसभा चुनाव में उतरे चारों चेहरों में एस. जयशंकर यदि सबसे अधिक शिक्षित हैं तो जुगल ठाकोर सबसे अधिक धनवान. जुगल गुजरात ठाकोर क्षत्रिय विकास संघ के प्रमुख भी हैं.

अल्पेश की राह का रोड़ा

अल्पेश ठाकोर को लेकर भाजपा में दो गुट आकार ले रहे हैं. एक वह जो उन्हें भाजपा में प्रवेश दिलाने का पक्षधर है और दूसरा वह जो उनको मंत्री बनाकर पार्टी में शामिल करने का विरोधी है. भाजपा में ओबीसी मोर्चे के अध्यक्ष जुगल ठाकोर हालांकि उनके पुराने दोस्त हैं, लेकिन अब अल्पेश के भाजपा प्रवेश की राह का मजबूत रोड़ा बनेंगे.

Web Title: BJP played games in Rajya Sabha elections, it is difficult for entry of Alpesh Thakore in party?

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