UP: अधिकारी से मारपीट के मामले में नामजद BJP विधायक को मिली सदन में बात रखने की अनुमति, गतिरोध हुआ समाप्त
By भाषा | Published: December 18, 2019 06:22 PM2019-12-18T18:22:27+5:302019-12-18T18:22:27+5:30
गुर्जर को मंगलवार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में बोलने नहीं दिये जाने से नाराज सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों और विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया, जिसकी वजह से सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी से मारपीट के मामले में नामजद और पार्टी से कारण बताओ नोटिस पाने वाले भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर को बुधवार उत्तर प्रदेश विधानसभा में बोलने की अनुमति दिये जाने पर मंगलवार से चला आ रहा गतिरोध समाप्त हो गया। गुर्जर ने सदन में कहा कि अधिकारी खुलकर कमीशन ले रहे हैं और सिर्फ एक या दो प्रतिशत अधिकारी ही ईमानदारी दिखा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते हैं। जब वह आवाज उठाते हैं तो उन पर मुकदमा लाद दिया जाता है। गुर्जर ने कहा कि वह काफी व्यथित हैं। उन्होंने मंगलवार की घटना पर दुख भी प्रकट किया।
उल्लेखनीय है कि गुर्जर को मंगलवार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में बोलने नहीं दिये जाने से नाराज सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों और विपक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया, जिसकी वजह से सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।
निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा मोना और बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्तापक्ष के विधायकों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
दरअसल, गुर्जर अपनी बात रखना चाहते थे, जिसकी अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने अनुमति नहीं दी। पहले तो सदन के बाहर लाबी में विरोध प्रकट किया गया लेकिन बाद में गुर्जर सहित उनके समर्थक भाजपा विधायक सदन में आ गये और नारेबाजी होने लगी। उनका साथ विपक्षी सदस्यों ने भी दिया। नारेबाजी में भाजपा के सौ से अधिक विधायक शामिल थे। हंगामा थमता ना देख दीक्षित ने लगभग पौने दो बजे सदन की बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित की।
इसके बाद पंद्रह पंद्रह मिनट के लिए दो बार बैठक पुन: स्थगित हुई। कार्यवाही फिर शुरू होने पर भी सत्ता पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्षी विधायकों की नारेबाजी शुरू हो गयी। वे 'विधायक एकता जिन्दाबाद' के नारे लगा रहे थे । इसके बाद सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी । सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक हालांकि कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी विरोधस्वरूप सदन में ही बैठे रहे ।