केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देनेवाला आर्टिकल 370 को हटाने की पेशकश की है। आज (6 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में पेश हुआ। इस मामले पर लोकसभा में चर्चा जारी है। लोकसभा में चर्चा के बीच जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लद्दाख से युवा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने आर्टिकल 370 हटाने पर अपनी बात रखी तो संसद में तालियां बजने लगी। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल के स्पीच की तारीफ की। उन्होंने कहा कि ऐसे सांसदों का प्रोत्साहन मिलना चाहिए। ये जब भी सदन में बोलते हैं, बहुत अच्छा बोलते हैं।
लोकसभा में सांसद जमयांग सेरिंग ने कहा, 'मैं लद्दाख की तरफ से इस बिल का स्वागत करता हूं। वहां के लोग चाहते थे कि क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए। लद्दाख के लोग चाहते थे कि इस क्षेत्र को कश्मीर के प्रभुत्व और भेदभाव से मुक्त किया जाए, जो आज हो रहा है।'
जमयांग सेरिंग कांग्रेस पर निशान साधते हुये कहा है, ''71 साल तक लद्दाख को बिलकुल नहीं अपनाया गया। हमलोगों ने पहले ही कहा था कि हमें जम्मू कश्मीर के साथ नहीं रखा जाए किन्तु हमारी सुनवाई नहीं हुई, जिससे हमारा विकास नहीं हुआ। मैं करगिल से आता हूँ, और मैं गर्व से कहता हूँ कि हमने UT के लिए वोट किया।''
जमयांग सेरिंग ने कहा कि अब कश्मीर का भविष्य उज्ज्वल होने वाला है। सिर्फ दो परिवार अपनी रोजी-रोटी खोयेंगे। उन्होंने कहा, एक ही देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का यह संकल्प आज पूरा हो रहा है, लद्दाख ने जम्मू कश्मीर का झंडा तो 2011 में नकार दिया था क्योंकि हम भारत का अटूट अंग बनना चाहते हैं।
सेरिंग ने कहा, तिरंगा हमारी पहचान है। जो लोग चिल्ला, चिल्लाकर ये कह रहे हैं कि ये लद्दाख के लिए अच्छा नहीं है, मैं उनको बता दूं कि लद्दाख में मैं रहता हूं वो नहीं। लद्दाख के बारे में सिर्फ मोदी सरकार ने ही सोचा है, बाकी पिछली सरकारों ने तो इसके नकार दिया है।
राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी है। पांच अगस्त को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है। बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं।
कश्मीर में फिलहाल धारा 144 लागू है। कई बड़े नेताओं को नजरबंद किया गया है। हालात को देखते हुये राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी कश्मीर गये हैं।