भारतीय जनता पार्टी के विधायक अनिल गोटे ने पार्टी में ‘‘अपराधियों’’ को शामिल किए जाने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्यता और भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा की है।
वह महाराष्ट्र में धुले विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। गोटे ने सोमवार को कहा कि वह अगले सप्ताह इस्तीफा देंगे। पिछले महीने एक अन्य भाजपा विधायक ने भी राज्य विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
गोटे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कुछ नेताओं को भाजपा में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं 19 नवम्बर को शीतकालीन सत्र के पहले दिन महाराष्ट्र विधानसभा से इस्तीफा दे दूंगा और पार्टी भी छोड़ दूंगा।’’
गोटे ने कहा, ‘‘मेरे विरोध के बावजूद पार्टी के वरिष्ठ नेता धुले नगर निगम चुनाव से पहले अपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को भाजपा में शामिल कर रहे हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि अगर ये लोग निर्वाचित हुए तो अपने भ्रष्ट कृत्यों से धुले शहर को बर्बाद कर देंगे।
आगामी पांच विधानसभा चुनावों से इसका सीधे तौर पर तो कोई संबंध नहीं है। लेकिन अनिल गोटे का प्रभाव मध्य प्रदेश की कुछ सीटों पर माना जाता है। साथ ही एक बड़े नेता के इस तरह से जाने पार्टी को लेकर नकारात्मक मैसेज जाता है। बीजेपी चुनावी सीजन में ऐसे झटकों से बचना चाहेगी। लेकिन महाराष्ट्र में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले लोकसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में यह बीजेपी के लिए झटका साबित हो सकता है।
उन्होंने कहा कि वह अगले महीने धुले नगर निकाय में महापौर का चुनाव लड़ेंगे। गोटे वर्ष 2009 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय जीते थे और वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे।
अब्दुल करीम तेलगी से संबंधित जाली स्टाम्प पेपर घोटाला मामले में उन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था और अभी वह जमानत पर बाहर हैं। पिछले महीने भाजपा के विधायक आशीष देशमुख ने विधानसभा और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वह नागपुर जिले के काटोल विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)