'रवींद्रनाथ टैगोर सांवले थे और इसलिए मां उन्हें बचपन में गोद में नहीं उठाती थी', भाजपा नेता के बयान पर विवाद

By विनीत कुमार | Published: August 19, 2021 08:25 AM2021-08-19T08:25:34+5:302021-08-19T08:47:03+5:30

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुभाष सरकार के रवींद्रनाथ टैगोर पर की गई एक टिप्पणी के बाद विवाद मच गया है। टीएमसी ने भाजपा पर टैगोर सहित बंगाल के प्रतीकों का अपमान करने का आरोप लगाया है।

BJP leader Subhas Sarkar says Rabindranath Tagore was not so fair, controversy starts | 'रवींद्रनाथ टैगोर सांवले थे और इसलिए मां उन्हें बचपन में गोद में नहीं उठाती थी', भाजपा नेता के बयान पर विवाद

रवींद्रनाथ टैगोर के रंग पर भाजपा नेता की टिप्पणी के बाद विवाद (फाइल फोटो)

Highlightsकेंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने की है रवींद्रनाथ टैगोर के रंग को लेकर टिप्पणी।सुभाष सरकार ने बुधवाकर को विश्व भारती विश्वविद्यालय के दौरे के दौरान टैगोर पर टिप्पणी की थी।भाजपा ने सुभाष सरकार का बचाव करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी रंगभेद के खिलाफ थी।

कोलकाता: केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार के नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के रंग को लेकर कही गई बात पर बड़ा विवाद शुरू हो गया है। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने बुधवाकर को एक कार्यक्रम में कहा कि टैगोर का रंग सांवला था और इसलिए उनकी मां बचपन में उन्हें गोद में नहीं उठाती थीं।

सुभाष सरकार के इस बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा नेता पर हमला बोला है और इसे टैगौर का अपमान बताया। भाजपा ने हालांकि अपने मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी रंगभेद के खिलाफ थी।

सुभाष सरकार ने टैगोर पर क्या कहा था

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय के दौरे के दौरान यह टिप्पणी की। मंत्री ने छोटी संख्या में मौजूद लोगों के समक्ष कहा कि टैगोर परिवार के अन्य सदस्यों का रंग 'चमकदार पीला गोरा' था। 

उन्होंने कहा कि टैगोर गोरे थे लेकिन उनकी त्वचा पर लाल रंग की आभा थी। उन्होंने कहा, 'दो तरह की गोरी त्वचा वाले लोग होते हैं। एक जो पीले रंग की आभा के साथ बहुत गोरे होते हैं और दूसरे जो गोरे होते हैं लेकिन लाल रंग की आभा का प्रभाव होता है। टैगोर दूसरी श्रेणी के थे।' 

सुभाष सरकार ने कहा कि टैगोर का रंग अधिक गोरा नहीं होने के कारण उनकी मां और परिवार के कई अन्य सदस्य रवींद्रनाथ को गोद में नहीं लेते थे। 

सुभाष सरकार के बयान की हो रही आलोचना

सुभाष सरकार के इस बयान के बाद शिक्षाविदों और राजनेताओं ने उनकी टिप्पणी की निंदा की है। रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पबित्र सरकार ने कहा, 'मुझे समझ नहीं आता कि माननीय केंद्रीय मंत्री ने किस आधार पर ऐसा बयान दिया। मुझे नहीं पता कि उन्होंने टैगोर की बायोग्राफी वगैरह को या फिर उनकी लिखी कविताओं के मर्म को समझा है कि नहीं।' 

पबित्र सरकार ने आगे कहा, 'टैगोर सांवले रंग के नहीं थे हालांकि उनकी बड़ी बहन जैसे लोगों ने उन्हें रबी, 'हमारा सांवला रंग का लड़का' कहा था। यह एक अतिशयोक्ति थी। क्या मंत्री के कहने का मतलब यह था कि रवींद्रनाथ अफ्रीकियों की तरह काले थे? या उनका मतलब था कि उनका रंग गोरा और सांवले के बीच था? मंत्री ने इस बारे में स्पष्ट नहीं किया।' 

बकौल पबित्र सरकार, 'क्या वे (मंत्री) बताएंगे कि वे टैगोर के रंग का हवाला देकर क्या साबित करना चाहते थे? यह कैसे महत्व रखता है? टैगोर को जब नोबेल मिल चुका है तो क्या यह बातें मायने रखती हैं? टैगोर जब विश्व दूरदर्शी, कवि-लेखक-चित्रकार-नाटककार के रूप में देखे गए हैं तो क्या ये बातें मायने रखती हैं?'

टीएमसी ने बोला भाजपा पर हमला

टीएमसी की ओर से टैगोर पर दिए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। टीएमसी ने भाजपा पर बंगाल के प्रतीकों का अपमान करने का आरोप लगाया। अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'सुभाष सरकार को इतिहास की जानकारी नहीं है। यह सर्वविदित है कि रवींद्रनाथ टैगोर गोरी त्वचा वाले थे। यह एक नस्लवादी टिप्पणी और बंगाल के प्रतीकों का अपमान है। सुभाष सरकार को फिर कभी विश्व भारती में प्रवेश नहीं करने दिया जाना चाहिए।'

दूसरी ओर सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने  कहा कि इस तरह की टिप्पणियां केवल भाजपा की नस्लवादी और बंगाली विरोधी मानसिकता को दर्शाती हैं।

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