क्या सरकारी बैठकों में बहनोई के शामिल होने की अनुमति मुख्यमंत्री ने दे दी है? सुशील मोदी ने पूछा
By एस पी सिन्हा | Published: August 19, 2022 05:28 PM2022-08-19T17:28:52+5:302022-08-19T17:32:26+5:30
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने सवाल पूछा कि आखिर तेजप्रताप के बहनोई इस बैठक में पहुंचे कैसे? अधिकारियों ने बैठक में आने की अनुमति कैसे दी? बैठक में उन्होंने प्रश्न कैसे पूछे?
पटना: बिहार में नई सरकार बनने के बाद से भाजपा लगातार नीतीश-तेजस्वी पर हमला बोल रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी ने नई सरकार में दागी मंत्रियों का नाम गिनाने के बाद अब लालू प्रसाद यादव के दामाद के सरकारी बैठक में हिस्सा लेने को लेकर मुद्दा उठाया है।
इसके साथ ही उन्होंने नए शिक्षा मंत्री को लेकर भी नीतीश कुमार से सवाल भी पूछे हैं। मोदी ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार में लालू का हस्तक्षेप होने से ऐसी घटनाएं आगे भी देखने को मिलेंगी। उन्होंने पूछा कि क्या सरकारी बैठकों में बहनोई के शामिल होने और संचालन करने की अनुमति बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दे दी है?
सुशील मोदी ने कहा कि तेजप्रताप पिछले तीन साल से सुर्खियों में रहे हैं। रही सही कसर उन्होंने मंत्री बनने के बाद पूरी कर दी। मंत्री के नाते पहली बैठक बुलाई तो उसके संचालन का जिम्मा बहनोई शैलेश कुमार को दे दिया। उन्होंने सवाल पूछा कि आखिर तेजप्रताप के बहनोई इस बैठक में पहुंचे कैसे? अधिकारियों ने बैठक में आने की अनुमति कैसे दी? बैठक में उन्होंने प्रश्न कैसे पूछे?
उन्होंने कहा कि लालू अब सरकार की हर गतिविधियों में हस्तक्षेप करेंगे। ऐसी घटनाएं अब सामान्य तौर पर सामने आएंगी। इसके साथ ही मोदी ने राज्य के नए शिक्षा मंत्री को घेरे में ले लिया है। उन्होंने चंद्रशेखर यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे किताब नहीं कारतूस के शौकीन हैं।
मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से कहा है कि 2 साल पहले 20 जिन्दा कारतूस को छिपा कर लाने के आरोप में आर्म्स ऐक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ। बाद में गलती हो गई कहने पर कोर्ट ने बरी कर दिया। नीतीश कुमार ने मधेपुरा के विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर के रूप में ऐसे दबंग व्यक्ति को शिक्षा मंत्री बनाया, जो प्वाइंट 315 की दस जिंदा कारतूस बैग में छिपा कर लाने के आरोप में पकड़े गए थे। ऐसे शिक्षा मंत्री क्या सुधार करेंगे और छात्रों को क्या संदेश देंगे?
मोदी ने ये सवाल पूछा है कि क्या कोई गलती से हवाई यात्रा के बैग में 10 जिंदा कारतूस रख सकता है? उन्होंने कहा कि जब लाइसेंसी रायफल साथ नहीं थी, तब चंद्रशेखर ने इतनी कारतूस क्यों छिपा कर रख ली थी? पूछताछ में चंद्रशेखर न हथियार का लाइसेंस दिखा पाए, न कारतूस ले जाने की अनुमति का कोई अधिकृत पत्र उनके पास था। किताब की जगह कारतूसों का शौक रखने वाले को शिक्षा मंत्री बनाकर नीतीश कुमार युवाओं को सरकारी नौकरी पाने लायक नहीं, बल्कि अपहरण उद्योग चलाने में माहिर बनाना चाहते हैं।