बिहार में मूसलाधार बारिश से तबाही, पटना में बाढ़ का संकट, मुख्यमंत्री नीतीश ने किया दौरा, प्रशासन चौकस
By एस पी सिन्हा | Updated: August 11, 2021 19:16 IST2021-08-11T19:15:11+5:302021-08-11T19:16:41+5:30
Bihar Weather ALERT: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सड़क मार्ग से पटना के आसपास के गंगा नदी के कई इलाकों तथा विभिन्न घाटों का जायजा लिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में जब गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई थी.
Bihar Weather ALERT: बिहार में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से बाढ़ का तांडव जारी है. राजधानी पटना में कई सालों के बाद बाढ़ का संकट इतना ज्यादा करीब नजर आ रहा है.
राज्य के कई जिलों में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है. लोग अपना घर को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. पटना जिला के भी कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिसके कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं. लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. वहीं, इसे लेकर अब प्रशासन ने भी गंभीरता बरतनी शुरू कर दी है. गंगा नदी के किनारे बनी पटना की सुरक्षा दीवार को गंगा पार कर गई है.
गंगा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 17 सेंटीमीटर का इजाफा हुआ है और अब नदी खतरे के निशान से 116 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. यही वजह है कि पटना की सुरक्षा दीवार को बाढ़ का पानी पार कर गया है. पटना के सभी गंगा घाटों को अब पूरी तरीके से बंद करना पड़ा है. गंगा नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है.
Bihar Chief Minister @NitishKumar visits flood-affected areas of #Patna and instructs officials to step up relief and rescue operations. pic.twitter.com/85ZmdTG0wO
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 11, 2021
गांधी घाट, कलेक्ट्रियट घाट के साथ-साथ दीघा घाट पर भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने राजधानी का दौरा किया है. उनका कहना है कि पटना में फिलहाल बाढ़ का खतरा नहीं है और पूरे हालत पर भी नजर रखी जा रही है.
जबकि जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों और इंजीनियरों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. गंगा के बढे़ हुए जलस्तर के कारण पटना से गंगा में मिलने वाले सभी नालों के गेट बंद कर दिए गए हैं. इन नालों के जरिए पटना में पानी प्रवेश करने का खतरा बढ़ा हुआ है.
पटना के एलसीटी घाट, कुर्जी घाट समेत दीघा के कई इलाकों में पानी का फैलाव देखने को मिला है. पटना के दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर 51.02 मीटर से ऊपर है. यहां खतरे का रिचार्ज 50.45 मीटर है. गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर 49.76 मीटर है जबकि यह खतरे का निशान 48.60 मीटर है. इसी तरह हाथीदह में गंगा का जलस्तर 42.85 मीटर है. यह खतरे का निशान 41.46 मीटर है.
पटना के सभी गंगा घाटों को अब पूरी तरीके से बंद करना पडा है. गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण प्रशासन के द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है. जिला प्रशासन किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मुखमंत्री नीतीश कुमार पटना मुख्य नहर का दीघा ब्लॉक निरीक्षण करने के लिए निकले.
इस दौरान उन्होंने कुर्जी गोसाई टोला के समीप बाढ़ की स्थिति का भी जायजा लिया. एलसीटी घाट पर पटना शहर सुरक्षा दीवार का भी निरीक्षण किया. उन्होंने गांधी घाट पर गंगा नदी के बढते जलस्तर का भी निरीक्षण करेंगे. मुख्यमंत्री ने दीघा ब्लॉक से जेपी सेतु होते हुए हाजीपुर, गांधी सेतु होते हुए गांधी घाट तक निरीक्षण किया.
उधर, मुजफ्फरपुर जिले के कुढनी प्रखंड अंतर्गत मनियारी थाना क्षेत्र के शाहपुर मरीचा शिवमंदिर से आरिजपुर जाने वाली सडक के ऊपर कदाने के उफान ने भीषण तबाही मचाना शुरू कर दिया है. छबकी गांव से आरिजपुर के बीच डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर सड़कों के ऊपर से तीन फुट से ज्यादा बाढ़ का पानी की तेज धारा चल रही है.
जिससे छबकी, मरीचा, आरिजपुर, गोदनी समेत कई गांवों का सड़क सम्पर्क भंग हो गया है. जिससे लाखों की आबादी प्रभावित है. ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी पशुओं के लिए चारा का संकट उतपन्न हो गया है. वहीं, बाढ़ को देखते हुए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है.