बिहार: भाजपा-जदयू के बीच ट्विटर पर जारी है जुबानी जंग, दिखा रहे हैं एक-दूसरे को आईना
By एस पी सिन्हा | Published: November 12, 2022 04:18 PM2022-11-12T16:18:44+5:302022-11-12T16:25:54+5:30
बिहार में बीते दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव संपन्न हो गया, परिणाम भी आ गये लेकिन भाजपा की ओर से सुशील मोदी और जदयू की ओर से ललन सिंह के बीच चल रही जुबानी जंग अब भी जारी है।
पटना:बिहार में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद भाजपा और जदयू के बीच जारी वाकयुद्ध थमने का नाम नही ले रहा है। गोपालगंज के चुनाव परिणाम को लेकर भाजपा जहां जदयू को फेल बता रहा है, वहीं, जदयू भी भाजपा पर निशाना साधने में पीछे नही रह रही है।
सुशील कुमार मोदीबिहार में महागठबंधन कि सरकार बनने के बाद से लगातार हमलावर हैं। उन्होंने बीते रात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा था कि नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम टांय टांय फिस हो गई है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार का वोट भाजपा के साथ हो गया है। अब सुशील मोदी के इस बयानों को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने ही अंदाज में सुशील मोदी पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, "सुशील जी, विपक्षी एकता की मुहिम टांय-टांय फिस्स होगी या 2024 में भाजपा मुक्त भारत का आगाज होगा ये समय बताएगा। 36752 वोट से 1794 पर आ गए फिर भी जनाधार दिखता है..। वाह भाई वाह..! बड़का झूठा पार्टी की फितरत ही है 'एक झूठ को सौ बार बोलना', आप इसी फितरत के शिकार हैं। लगे रहिए।"
इसके पहले भी ललन सिंह ने एक ट्वीट में सुशील मोदी को जवाब देते हुए कहा था, "लगता है आपकी स्मरण शक्ति कमजोर हो गई है। 2020 में 36752 वोट से जीते थे। इस बार 1794 वोट फिर भी महागठबंधन के आधार वाला वोट आपको मिला। ऐसी प्रतिक्रिया बड़का झूठा पार्टी के हताश नेता ही दे सकते हैं। लगे रहिए, कुछ न कुछ जरूर मिल जाएगा आपको।"
बता दें एक दिन पहले सुशील मोदी ने नीतीश कुमार की विपक्षी एकता को एकजुट करने की कोशिश टांय-टांय फिस्स हो गई। बिहार के बाहर नीतीश कुमार कोई पूछ नहीं है। वहीं बिहार में भी उनकी लोकप्रियता लगातार कम होती जा रही है। पहले केसीआर ने उनके प्रस्ताव को नकार दिया।
सुशील मोदी के मुताबिक दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी नीतीश कुमार को महत्व नहीं दिया। बिहार में दो सीटों के चुनाव परिणाम बताते हैं कि महागठबंधन में शामिल होने के बाद भी राजद को जदयू के वोट नहीं मिले। राजद यह बात समझ गई है कि नीतीश कुमार अब वोट ट्रांसफर नहीं करा सकते हैं। जनता उनकी हकीकत जान चुकी है।