बिहार: चुनावी गहमागहमी के बीच आसमान से बरस रही है आग, जानें मई भर कैसा रहेगा मौसम का हाल
By एस पी सिन्हा | Published: May 10, 2019 05:51 PM2019-05-10T17:51:05+5:302019-05-10T17:51:05+5:30
मई माह का तपना मॉनसून के लिहाज से सकारात्मक माना जाता है. मौसम के लिहाज ये यह सामान्य अवधारणा है कि बिहार समेत समूचा उत्तरी भारत मई माह में जितना अधिक तपेगा, मॉनसून उतना ही अच्छा आयेगा.
बिहार में चुनावी गहमागहमी के बीच की राजधानी पटना सहित दक्षिण बिहार के इलाकों में आज छठे दिन भी आकाश से आग बरसती रही. इसके पहले गुरुवार को पटना का अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री तो गया का 44.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. मौसम विभाग के अनुसार 12 मई तक गर्म पछुआ हवाओं से राहत के आसार नहीं हैं. दिन में पछुआ हवा के कारण लू चल रही है. इसके बाद 13 मई को गंगा के तटीय क्षेत्र में चक्रवात की स्थिति बन रही है. फिर, बादल और बूंदाबांदी से गर्मी से राहत मिल सकती है.
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को दक्षिण बिहार के अधिकांश शहरों का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा. गया का अधिकतम तापमान 44.7 डिग्री और न्यूनतम 25 डिग्री सेल्सियस रहा. औरंगाबाद में भी तापमान 44 डिग्री रहा. पटना का अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री और न्यूनतम 26.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. जबकि नालंदा, राजगीर और नवादा में 43 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा. वहीं, भागलपुर का अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री और न्यूनतम 24.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.
पूर्णिया का अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री और न्यूनतम 24.3 डिग्री सेल्सियस रहा. उत्तर बिहार के इलाकों में छपरा में 41 डिग्री, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी में 40 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रहा. मौसम विभाग के अनुसार 11 मई तक गया, औरंगाबाद, राजगीर, नालंदा और नवादा और पटना में गर्म हवा सताएगी. अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने की संभावना है.
मौसम विभाग के उप-निदेशक आनंद शंकर ने बताया कि दिन में पछुआ हवा के कारण लू चल रही है. रात में पुरवैया हवा चलने के कारण न्यूनतम तापमान सामान्य के करीब रहने से गर्मी से राहत महसूस की जा रही है. धरती के अत्यधिक गर्म होने के कारण रात में हवा का रुख बदल रहा है. 13 मई को बिहार के गंगा क्षेत्र में चक्रवात की स्थिति बन रही है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में 11 से 12 मई तक चक्रवात का असर बिहार में पडने की संभावना है.
गर्मी से अभी जिले वासियों को राहत मिलती नहीं दिख रही है. भरी दोपहरी में सड़कों पर सन्नाटे की स्थिति बनी रही. हाट में लोग सब्जियों को सड़क किनारे छोड़ छांव का सहारा ले रहे थे. हाट में भी सन्नाटे की स्थिति थी. तापमान में लगातार हो रही वृद्धि से अब जनजीवन बेहाल हो गया है. किसानों के खेतों में लगी सब्जी, मक्का सहित अन्य फसलें पानी के अभाव में मुरझाने लगी है. भूजल स्तर भी तेजी से गिरने लगा है. जिस कारण लोगों के सामने पेयजल की भी समस्या उत्पन्न होते जा रही है. इधर, तीखे मौसम से निजात की उम्मीद नहीं है.
एक आधिकारिक अध्ययन के मुताबिक उच्चतम तापमान की समयावधि काफी बढ़ी है. सुबह करीब 10 बजे से शाम पांच बजे के बाद तक औसत तापमान चालीस-एकतालीस डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है. इस दौरान एंबिएंट तापमान कई बार 45 पार भी देखा गया. फोनी तूफान के दो-तीन दिन अपवाद स्वरूप छोड़ दिये जायें तो शेष दिनों में तापमान 40 डिग्री पार ही रहा है. उदाहरण के लिए एक मई को 40, दो मई को 39, तीन और चार मई फोनी सायक्लोन से प्रभावित रहे, इस दौरान शहर का उच्चतम तापमान क्रमश: 35 और 34 डिग्री दर्ज किया गया. इसके बाद फिर पांच मई को 41 डिग्री, छह मई को 42 डिग्री, सात मई को 43 डिग्री सेल्सियस उच्चतम तापमान दर्ज किया गया.
मई माह का तपना मॉनसून के लिहाज से सकारात्मक माना जाता है. मौसम के लिहाज ये यह सामान्य अवधारणा है कि बिहार समेत समूचा उत्तरी भारत मई माह में जितना अधिक तपेगा, मॉनसून उतना ही अच्छा आयेगा. बिहार के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ प्रधान पार्थ सारथी ने बताया कि गर्मी में अच्छी गर्मी पड़ना स्वाभाविक है. मॉनसून इससे समय पर और मजबूती से आयेगा क्योंकि मॉनसूनी हवाओं को आकर्षित करने में गर्मी की खासी अहम भूमिका होती है.
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पार्थसारथी के मुताबिक मई माह अभी और तपेगा. वहीं, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर अंतर्गत ग्रामीण मौसम सेवा के नोडल अधिकारी बीरेंद्र कुमार की मानें तो 75 प्रतिशत आद्रता के साथ 1.6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पश्चिमी हवा चल रही है. उन्होंने कहा कि फिलहाल मौसम ऐसा ही बना रहेगा. गर्मी से राहत नहीं मिलेगी.