बिहारः 45 दिन से राजद दफ्तर नहीं आ रहे हैं प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, कयासों का बाजार गर्म, तेजस्वी ने कागजात आवास पर मंगवाया
By एस पी सिन्हा | Published: November 12, 2022 04:13 PM2022-11-12T16:13:14+5:302022-11-12T16:14:10+5:30
बिहारः जगदानंद सिंह को राजद का प्रदेश अध्यक्ष बने डेढ़ महीने से ऊपर हो गया है। प्रदेश कमेटी गठन में बाधा आ रही है। कुढ़नी में उपचुनाव होने वाला है।
पटनाः बिहार राजद में क्या सबकुछ ठीक-ठाक है? यह सवाल उठाए जाने लगे हैं। दरअसल, अपने बेटे सुधाकर सिंह के मंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद से नाराज चल रहे राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पिछले डेढ़ महीने से पार्टी दफ्तर नहीं आ रहे हैं। वह अपने गांव से पटना पहुंचे लेकिन दफ्तर नहीं गए, जबकि पार्टी नेता उनके आने की प्रतीक्षा करते रहे।
पटना आने के बाद भी वह पार्टी कार्यालय नहीं गए। बताया जा रहा है कि जगदानंद सिंह पटना से वापस लौट गए हैं।उल्लेखनीय है कि जगदानंद सिंह को राजद का प्रदेश अध्यक्ष बने डेढ़ महीने से ऊपर हो गया है और उनके नहीं होने से प्रदेश कमेटी गठन में बाधा आ रही है। कुढ़नी में उपचुनाव होने वाला है।
ऐसे में पार्टी की कोशिश है कि जल्द से जल्द पार्टी के जिला इकाई का गठन कर लिया जाए ताकि चुनाव को लेकर जिम्मेदारी बांटी जा सके। जगदानंद सिंह के चैंबर में सामने की कुर्सियों पर रोज बैठने वाले वरीय नेता वृषिण पटेल और उदय नारायण चौधरी दिन भर उनका इंतजार करते रहे पर पटना में रहते हुए भी जगदानंद नहीं पहुंचे।
इन सबके बीच उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पार्टी से संबंधित कागजात अपने 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर मंगवाया है। राजद में जारी घमासान की वजह से बिहार में पार्टी संगठन का विस्तार नहीं हो रहा है। पार्टी में बड़ी संख्या में पद भी खाली हैं। पार्टी कार्यालय में सूचना आई कि सभी प्रखंड अध्यक्षों और जिला अध्यक्षों की सूची समेत पार्टी के दस्तावेज आवास पर पहुंचा दिया जाए।
कहा गया कि नई कमेटी का गठन के साथ जिला अध्यक्षों का चयन भी करना है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कमेटी का गठन नहीं होने से संगठन की गतिविधियां बाधित हो रही हैं। बता दें कि सिंह पार्टी और सरकार दोनों से नाराज चल रहे हैं। उनके इस्तीफे की खबरें भी सामने आ चुकी हैं। हालांकि अभी कोई तक पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
जगदानंद सिंह 9-10 अक्टूबर को दिल्ली में राजद राष्ट्रीय परिषद की बैठक और खुला अधिवेशन में भी शामिल नहीं हुए थे। बीते दिनों पार्टी दफ्तर में तेजस्वी यादव का जन्मदिन बनाया गया था, उसमें भी जगदानंद सिंह शामिल नहीं हुए थे। ऐसे में सवाल यह है कि क्या जगदानंद सिंह की नाराजगी अभी खत्म नहीं हुई है? क्या राजद में सब ठीक है?