RJD Leader Alok Mehta: 19 ठिकानों पर छापेमारी, 85 करोड़ रुपए की घपलेबाजी?, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी आलोक मेहता पर शिकंजा

By एस पी सिन्हा | Published: January 10, 2025 04:33 PM2025-01-10T16:33:53+5:302025-01-10T16:35:09+5:30

RJD Leader Alok Mehta: पिछले पांच वित्तीय वर्ष में बैंक का शुद्ध मुनाफा चार साल 1 करोड़ से ऊपर दिखाया गया है।

bihar RJD Leader Alok Mehta live updates ED Raids 19 Locations Linked Rs 85-Crore Bank Loan Fraud Case lalu yadav | RJD Leader Alok Mehta: 19 ठिकानों पर छापेमारी, 85 करोड़ रुपए की घपलेबाजी?, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी आलोक मेहता पर शिकंजा

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Highlightsईडी की टीम अलग-अलग ठिकानों पर अलग-अलग कागजातों की जांच कर रही है।तुलसीदास मेहता कई बार विधायक और लालू-राबड़ी सरकार में मंत्री भी रहे थे।बैंक की साइट पर संजीव के मैसेज में 2021-22 के एजीएम में पेश रिपोर्ट है।

पटनाः प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी विधायक आलोक मेहता पर शिकंजा कस दिया है। ईडी ने शुक्रवार को आलोक मेहता के 19 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की है। दरअसल, मामला वैशाली को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि इसमें करोड़ों रुपए के लेन-देन सहित वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोपों के तहत ईडी ने यह कार्रवाई की है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार ईडी की टीम अलग-अलग ठिकानों पर अलग-अलग कागजातों की जांच कर रही है।

ईडी की टीम पटना और हाजीपुर में 9, कोलकाता में 5, वाराणसी में 4 और दिल्ली में 1 ठिकानों पर छापेमारी की है। पटना में उनके सरकारी और निजी आवास भी शामिल है। बताया जा रहा है कि वैशाली शहरी विकास सहकारिता बैंक में हुई 85 करोड़ रुपए की घपलेबाजी मामले को लेकर कार्रवाई हो रहा है।

आरबीआई की रिपोर्ट के बाद इस मामले में हाजीपुर में 3 प्राथमिकी दर्ज की गई थी। छापेमारी के दौरान ईडी के अधिकारियों ने आलोक मेहता को सामने बैठाकर पूछताछ की, लेकिन महेता को इसका माकूल जवाब नहीं दे पाए। बता दें कि वैशाली शहरी विकास को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता ने लगभग 37 साल पहले की थी।

तुलसीदास मेहता कई बार विधायक और लालू-राबड़ी सरकार में मंत्री भी रहे थे। उनकी राजनीतिक रसूख के कारण बैंक बना और इससे हजारों लोग जुड़ भी गए। हालांकि, तुलसी का 2019 में निधन हो गया था। उनके बाद आलोक मेहता ने बैंक की बागडोर संभाली थी। बाद में घपले की बात खुलने पर वो बैंक से हट गए। अब उनके भतीजे संजीव कुमार बैंक के अध्यक्ष हैं।

बैंक की साइट पर संजीव के मैसेज में 2021-22 के एजीएम में पेश रिपोर्ट है। इसमें पिछले पांच वित्तीय वर्ष में बैंक का शुद्ध मुनाफा चार साल 1 करोड़ से ऊपर दिखाया गया है। वर्तमान बैंक के पास लगभग 24 हजार ग्राहक हैं। बैंक पर आरोप है कि लिच्छवी कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड और महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज को लगभग 60 करोड़ का लोन दबा लिया।

ये दोनों कंपनियां मेहता के परिवार से जुड़ी हैं और इन्हें कर्ज देने में नियमों का पालन नहीं किया गया। इनके अलावा लगभग 30 करोड़ रुपए फर्जी पहचान पत्र और फर्जी एलआईसी पेपर के आधार पर निकालने का आरोप भी लगा है। इन सब मामलों को लेकर तीन मुकदमे दर्ज हुए थे और उसकी जांच के आधार पर ही ईडी अब इस मामले में घुसी है।

सूत्रों ने बताया कि खुलासा हुआ है कि लिच्छवि कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड और महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज नाम की दो कंपनियों ने बैंक के करीब 60 करोड़ का गबन किया है। इस मामले में बैंक के प्रमोटर, अध्यक्ष, सीएमडी, सीईओ सहित कई अन्य अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि आलोक मेहता राजद के वरिष्ठ नेता हैं।

महागठबंधन की सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे। पार्टी के प्रधान महासचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। आलोक कुमार मेहता को तेजस्वी यादव का राजनीतिक गुरु भी कहा जाता है। आलोक कुमार मेहता साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में उजियारपुर राज्य विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे।

उन्होंने बिहार सरकार में सहकारिता विभाग के मंत्री के रूप में काम किया है। आलोक कुमार मेहता साल 2004 में उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं। हालांकि, साल 2009 में वह अश्वमेध देवी से चुनाव हार गए थे।

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